सावधानियां
● जंगली मशरूम या लिंगुड़ा की पहचान न हो बिना विशेषज्ञ की सलाह के बिना सेवन ना करें।
● लिंगुड़ा को अच्छी तरह धोकर, उबालकर, पकाकर ही सेवन करें।
● खाने के बाद यदि उल्टी, दस्त, चक्कर या कमजोरी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
● जंगली मशरूम का ऊपर का हिस्सा यदि लाल, पीला या नारंगी हो और डंडी का हिस्सा फूला हो तो कतई न खाएं।
उत्तराखंड में मौतों के प्रमुख मामले
1. बागेश्वर में कपकोट ब्लॉक के कुंवारी गांव में बीती 13 जुलाई एक महिला की जंगली मशरूम खाने से मौत हो गई थी।
2. पिथौरागढ़ में मुनस्यारी के धापा गांव में 15 जुलाई को लोकगायक गणेश मर्तोलिया की 28 वर्ष बहन और 70 वर्षीय नानी की जंगली मशरूम खाने से मौत हो गई।
3. टिहरी गढ़वाल में प्रतापनगर के सुकरी गांव में अगस्त 2024 में एक ही परिवार में दादा (62), दादी (56) और 13 वर्षीय पोती की जंगली मशरूम खाने से जान चली गई थी।
4. उत्तरकाशी के जोगत मल्ला गांव में अगस्त 2024 में दो महिलाओं की जंगली मशरूम से मौत हो गई थी।
5. हरिद्वार के बुग्गावाला में दिसंबर 2022 में तीन बच्चों की पंवार नामक पौधे की फली खाने से मौत हो गई थी।
रानीखेत में आठ दिन पहले लिंगुड़ा खाने से बीमार हुई महिला की डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में बुधवार रात उपचार के दौरान मौत हो गई।
मूल रूप से नेपाल के थापापुर के रहने वाले मिलन अपनी 23 वर्षीय पत्नी सपना और बच्चों के साथ रानीखेत में रहते हैं। मजदूरी करने वाली मिलन की पत्नी भी उनका हाथ बंटाती थी। मिलन आठ दिन पहले जंगल से लिंगुड़ा लेकर आए थे। सपना ने सब्जी बनाई और दोनों ने इसे खाया। खाने के कुछ देर बाद ही दोनों को उल्टियां शुरू हो गईं। हालत बिगड़ने पर उन्हें रानीखेत के अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन दिन के उपचार के बाद दोनों की स्थिति सुधरने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई। मंगलवार को सपना की तबीयत फिर बिगड़ गई। परिजन एसटीएच लेकर जहां बुधवार रात उपचार के दौरान सपना की मौत हो गई। कोतवाल राजेश यादव ने बताया कि पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि जंगली लिंगुड़ा खाने के बाद सपना की तबीयत बिगड़ी थी। उपचार के दौरान मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण और स्पष्ट हो पाएंगे।






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