मानवता के जीवन को समर्पित सतगुरू बाबा हरदेव सिंह जी महाराज कोश्रद्धाजलि स्वरूप समर्पण दिवस के रूप में मनाया गया

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हल्द्वानी, 13 मई, 2023:- सतगुरू बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की स्मृति में ‘समर्पण दिवस’ दिनांक 13 मई, दिन शनिवार को सांय 5 से रात्रि 7:00 बजे तक, संत निरंकारी सत्संग भवन गोजाजाली बरेली रोड हल्द्वानी में किया गया जिसमें समस्त निरंकारी परिवार एवं श्रद्धालुगण सम्मिलित होकर बाबा हरदेव सिंह जी के प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये I

इसी सत्संग कार्यक्रम में संत निरंकारी मिशन चमोली जोन के ज्ञान प्रचारक महात्मा श्री कैलाश उपाध्याय जी ने अपने विचारों को वयक्त करते हुए कहाँ कि बाबा हरदेव सिंह जी महाराज प्रेम, करूणा, दया और सादगी के जीवंत स्वरूप थे। उनका दिव्य रूप, सर्वप्रिय स्वभाव एवं विशाल अलौकिक सोच सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याणार्थ समर्पित थी। उन्होंने मिशन की बागडौर 36 वर्षो तक सम्भाली बाबा जी ने मानव मात्र को केवल ब्रह्मज्ञान का ही बोध नहीं करवाया अपितु जन-जन के हृदय में प्रेम की शीतल, निर्मल धारा को भी प्रवाहित किया। साथ ही निरंकारी इंटरनेशनल समागम (एन. आई. एस.) द्वारा दूर देशों में एकत्व एवं सद्भाव की प्रेरणा देने वाले संदेश को आध्यात्मिकता के माध्यम से भी प्रसारित किया। बाबा जी ने समाज के उत्थान हेतु अनेक परियोजनाओं को भी क्रियान्वित स्वरूप दिया जिनमें रक्तदान, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, महिला सशक्तिकरण इत्यादि गतिविधियां प्रमुख है।
उन्होंने अपने विचारों में कहाँ कि बाबा जी ने हमेशा भक्तों को हर परिस्तिथि में स्थिरता बरकार रखनी चाहिए चाहे समय कैसा भी क्यों न हो और उन्होंने बाबा कि कि सिखलाई को बताते हुए कहाँ कि ब्रह्मज्ञानी निर्लेप अवस्था जीवन में जीता है ऐसा जीवन जो प्रेम से भरा हो यही सदैव उसका प्रयास रहता है ब्रह्मज्ञानी गुरु का ज्ञान पाकर अपना जीवन सफल बनता है और दूसरों को भी सदैव सफल जीवन जीने की कामना करता है I
उन्होंने अपने विचारों में यह भी कहाँ कि बाबा जी ने ‘नफरत की दीवारों को गिराकर प्रेम के पुलों का निर्माण करने जैसे तथ्य को विश्व के समक्ष जीवन्त रूप में प्रस्तुत करने का उदाहरण दिया और उन्होंने एक नया दृष्टिकोण रखा कि प्रत्येक रेखा जो दो राज्यों या देशों को विभाजित करती है, वास्तव में वह उन राज्यों और देशों को मिलाने वाली रेखा का उदहारण प्रस्तुत किया बाबा जी की अनगिनत सिखलाईयां जैसे ‘मानवता ही धर्म है’, “आपसी भाईचारा“ (यूनिवर्सल ब्रदरहुड) “विश्वबंधुत्व”, “मिलवर्तन”, “एकत्व में सद्भाव”, “दीवार रहित संसार”, “धर्म जोड़ता है, तोड़ता नहीं“ इत्यादि सुंदर भावों को समूचे संसार में विस्तारित किया।

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वर्तमान में सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के सत्य संदेश के सुंदर स्वप्न को साकार करते हुए उसे जन-जन तक पहुंचाने हेतु प्रयासरत हैं जिनसे प्रत्येक निरंकारी भक्त प्रेरणा लेते हुए अपने जीवन को सार्थक बना रहा है।
सतसंग के अन्त में मिशन के सेवा दारों द्वारा लंगर प्रसाद का वितरण किया गया I

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