उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में अभी सवा साल के करीब वक्त बाकी है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने अपनी किलेबंदी सजानी शुरू कर दी है।
भाजपा जहां जल्द ही सरकार और संगठन में पार्टी कार्यकर्ताओं का समायोजन करने जा रही है। वहीं कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार जीत के फार्मूले ‘माय’ यानि महिला एवं युवा को लपक लिया है और जोरशोर से इसमें जुट गई है।
पार्टी कार्यकताओं को मिलेंगे दायित्व, मजबूत होगी टीम
प्रदेश में मंत्रिमंडल में विस्तार से पहले भाजपा पार्टी कार्यकर्ताओं को विभिन्न आयोग, निगम, परिषदों में समायेाजित कर सकती है। इसके साथ ही प्रदेश संगठन में भी विस्तार की संभावनाएं तलाशी जा रही है। यह पूरी कवायद आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए की जा रही है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश संगठन के शीर्ष नेताओं के साथ इस विषय में विस्तार से चर्चा हो चुकी है। मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार प्रदेश की कमान संभालने के बाद धामी विभिन्न चरणों में पार्टी के 72 नेताओं को दायित्वों दे चुके हैं। अब भी कई महत्वपूर्ण आयोग, निगम, परिषदों में महत्वपूर्ण पद खाली है। इसके साथ ही सहकारिता, नगर निकायों और क़ृषि मंडी परिषदों में बड़ी संख्या में पद इस वक्त खाली है। पार्टी का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्दनेजर पार्टी के काबिल और समर्पित कार्यकर्ताओं को सरकार और संगठन जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं। इससे जहां कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। वहीं उनके पास पार्टी को मजबूत करने और लोगों को जोड़ने के लिए संसाधन भी उपलब्ध होंगे।
भाजपा को उसी के फार्मूले से मात देने की कोशिश
प्रदेश की सत्ता में 10 साल के वनवास को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने खास रणनीति के तहत महिला और युवाओं वर्ग पर फोकस बढ़़ाया है। कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और अन्य नेताओं के भाषणों में इसे साफ महसूस भी किया जा सकता है। उत्तराखंड में वर्ष 2014 से अब तक हुए तीन लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में महिलाओं और युवाओं की भूमिका को ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ग को साथ जोड़ने में भाजपा कामयाब रही है। बिहार में भी भाजपा ने यही माय यानि महिला-युवा का फार्मूला अपनाया। उत्तराखंड में इस वक्त वोटर की संख्या 85 लाख से ज्यादा है। इनमें महिलाओं की संख्या 41 लाख से अधिक है। यदि 19 से 39 आयु वर्ग के वोटर वर्ग को देखें तो यह आंकड़ा 41 लाख तक पहुंचता है। इसमें भी पुरूष वोटर 22 लाख और महिला वोटर की तादात 19 लाख के करीब है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कहते हैं कि निसंदेह कांग्रेस की सर्वोच्च प्राथमिकता महिलाओं का सशक्तिकरण और युवाओं का विकास है। लेकिन यह आज से नहीं बल्कि देश की आजादी के दिन से है
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