उत्तराखंड के 102 निकायों में चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण लागू करने को लेकर शासन ने शहरी विकास निदेशालय को पत्र जारी कर शीघ्र प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। जिलों को 22 दिसंबर तक आरक्षण संबंधी सूचना देनी है। शुक्रवार को निदेशालय में आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में जिलों को कार्यक्रम भेजा गया है।
गुरुवार को नियमावली को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के बाद शुक्रवार को आरक्षण तय किए जाने को लेकर देर शाम तक मंथन चलता रहा। शहरी विकास निदेशालय की ओर से नगर निगमों और पालिका अध्यक्षों के पदों पर आरक्षण तय किया जाना है। जबकि पार्षदों और सभासद पद पर आरक्षण तय करने की जिम्मेदारी जिलों में जिलाधिकारियों को दी गई है। अपर निदेशक शहरी विकास ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि निदेशालय के स्तर से आरक्षण के प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है। उम्मीद है शनिवार तक प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा। आगे की कार्रवाई शासन स्तर पर ही की जानी है।
20 दिसंबर के बाद जारी हो सकती है अंतिम अधिसूचना
दावे और आपत्तियों पर एक सप्ताह बाद यानि 20 से 22 दिसंबर के बीच अंतिम अधिसूचना जारी की जा सकती है। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को सूचना भेजी जाएगी। इसके बाद आयोग की ओर से चुनाव का कार्यक्रम जारी किया जारी किया जाएगा। सरकार ने हाईकोर्ट में 25 दिसंबर तक चुनाव की अधिसूचना जारी किए जाने का हलफनामा दाखिल किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि 25 दिसंबर तक चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। ऐसे में चुनाव जनवरी के मध्य या आखिर में हो सकते हैं।
आपत्तियों के लिए मिलेगा एक सप्ताह का समय
निकायों में मेयर, अध्यक्ष, पार्षद एवं सभासद पदों शनिवार को यदि शासन से आरक्षण को लेकर अनंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाती है तो इसके बाद इन पर दावे और आपत्तियां मांगी जाएंगी। इसके लिए शासन की ओर से पांच दिन से लेकर एक सप्ताह तक का समय दिया जा सकता है।
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