हाईकोर्ट ने जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त करने के बाद ग्राम पंचायतों में भी निवर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक बनाने और पंचायत चुनाव नहीं कराने के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि पंचायतों के चुनाव कब तक कराए जा सकते हैं? कोर्ट ने मंगलवार 20 मई को इसका कार्यक्रम कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इसी दिन मामले की अगली सुनवाई भी होगी।
खंडपीठ ने एक टिप्पणी में कहा कि पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने पर प्रशासक नियुक्त करने का सवाल ही नहीं। मामले के अनुसार, पूर्व ग्राम प्रधान विजय तिवारी समेत कई अन्य लोगों ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पहले राज्य सरकार ने जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त किया। अब सरकार ने ग्राम पंचायतों का चुनाव कराने के बजाय निवर्तमान ग्राम प्रधानों को भी प्रशासक नियुक्त कर उन्हें वित्तीय अधिकार दे दिए हैं। आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने पर आगामी होने वाले चुनाव को ये प्रभावित कर सकते हैं।
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