महिला को छह महीने डिजिटल अरेस्ट रखकर 32 करोड़ ठगे
ठगी से बचने के िलए ये सावधानी बरतें
● अगर कोई अनजान व्यक्ति पार्सल में ड्रग्स होने की बात कहे तो पुलिस से संपर्क करें।
● कोई फोन कॉल करके लोन दिलाने के लिए कहे तो उसके झांसे में बिल्कुल न आएं।
● अनजान व्यक्ति से बैंक खाता, आधार नंबर, पेन आदि अन्य जानकारी साझा न करें।
● अगर कोई अनजान व्यक्ति किसी सोशल मीडिया ग्रुप में जोड़ता है तो उससे इसका कारण पूछे।
● कम समय में कोई अगर भारी मुनाफा होने का झांसा दे तो सतर्क हो जाएं।
बेंगलुरु, एजेंसी। बेंगलुरु में 57 वर्षीय एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर गिरफ्तारी के नाम पर डरा-धमकाया और 32 करोड़ रुपये ठग लिए। महिला एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर पद पर है। साइबर अपराधियों ने महिला को छह महीने तक बंधक बनाकर रखा।
पीड़िता की शिकायत पर बेंगलुरु पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी है। ठगों ने सीबीआई, साइबर क्राइम और आरबीआई अधिकारी बनकर महिला को घर में कैदी बना दिया। स्काइप के जरिये लगातार नजर रखी गई। दहशत का फायदा उठाकर उसे सभी वित्तीय विवरण साझा करने और 187 बैंक ट्रांसफर करने के लिए गिरफ्तारी की धमकी का इस्तेमाल किया। शहर के इंदिरानगर की रहने वाली इंजीनियर महिला ने शिकायत में कहा कि अपराधियों ने उसे छह महीने तक धमकाकर रखा और बाद में ठगी करके क्लीयरेंस लेटर सौंप दिया।
2024 से शुरू हुआ मामला : पीड़िता ने शिकायत में बताया कि 15 सितंबर, 2024 को एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को मुंबई स्थित डीएचएल अंधेरी से होने का दावा किया। आरोप लगाया कि उसके नाम पर बुक किए गए एक पार्सल में तीन क्रेडिट कार्ड, चार पासपोर्ट और प्रतिबंधित ड्रग्स एमडीएमए है, जिसकी बुकिंग उसके दस्तावेजों से हुई है।
ऐसे रखा डिजिटल अरेस्ट : ठगों ने महिला को दो स्काइप आईडी इंस्टॉल करने और वीडियो पर बने रहने का निर्देश दिया। इसके बाद मोहित हांडा नाम के व्यक्ति ने महिला को नजरबंद कर दो दिनों तक निगरानी रखी। इसके बाद एक हफ्ते तक राहुल यादव नाम के व्यक्ति ने उसकी निगरानी की। पीड़िता ने बताया कि 23 सितंबर को एक वीडियो कॉल करवाया गया, जिसमें ठगों को उसके लोकेशन और फोन की हर कॉल की जानकारी थी। इससे वह और डर गई। उन्होंने कहा कि बेगुनाही साबित करने के लिए आरबीआई से संपत्ति की जांच करानी होगी। उन्होंने अधिकारी के हस्ताक्षर वाली जाली पत्र भी दिखाए।
अपराधियों ने उससे करीब 187 लेनदेन के माध्यम से 31.83 करोड़ रुपये अपराधियों ने ट्रांसफर करवाए।
अभिनेता नागार्जुन के परिजन भी शिकार
हैदराबाद, एजेंसी। दक्षिण भारतीय अभिनेता नागार्जुन अक्किनेनी ने सोमवार को बताया कि छह महीने पहले उनके परिवार के एक सदस्य को साइबर ठगों ने दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। हालांकि, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद अपराधी तुरंत गायब हो गए। हैदराबाद पुलिस आयुक्त वी सी सज्जनार की मौजूदगी में एक प्रेसवार्ता में उन्होंने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साइबर ठग लगातार हमारा पीछाकर हमारी कमजोरियों का पता लगाते हैं। लोगों को फर्जी वेबसाइटों को लेकर सतर्क रहने की चेतावनी दी।
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