नैनीताल (भीमताल)
जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने विकास भवन सभागार, भीमताल में जिला, राज्य, केंद्र पोषित एवं बाह्य सहायतित योजनाओं के साथ-साथ 20 सूत्री कार्यक्रम की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में उन्होंने विकास कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में विकास कार्यों हेतु आवंटित धनराशि को सभी विभाग आगामी फरवरी माह तक शत-प्रतिशत व्यय करना सुनिश्चित करें और मार्च माह की प्रतीक्षा न करें। उन्होंने कहा कि भौतिक प्रगति के साथ-साथ वित्तीय प्रगति भी अनिवार्य है, इसके लिए अधिकारी व्यक्तिगत रुचि लेते हुए कार्यों को समयबद्ध रूप से संपादित करें।
बैठक के दौरान जिन विभागों की प्रगति धीमी पाई गई और जिनके द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष कम धनराशि व्यय की गई, उन विभागीय अधिकारियों से स्पष्टीकरण लेते हुए 15 दिन के भीतर प्रगति सुधारने के निर्देश दिए गए। जिला योजना अंतर्गत उद्योग विभाग, लोक निर्माण विभाग, लघु सिंचाई, समाज कल्याण एवं चिकित्सा विभाग की प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया गया।
राज्य योजना अंतर्गत विधायक निधि में कम व्यय पर जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वे सभी माननीय विधायकों से शीघ्र प्रस्ताव प्राप्त करने हेतु अर्धशासकीय पत्र भेजें एवं व्यक्तिगत रूप से संपर्क करें। इसके अतिरिक्त जल संस्थान, अनुसूचित जाति कल्याण, पर्यटन, प्राथमिक शिक्षा तथा जिला पंचायत की धीमी प्रगति पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुए त्वरित सुधार के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनहित से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी स्वयं निर्णय लेते हुए सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समय पर पहुंचाना सुनिश्चित करें। लापरवाही एवं हीलाहवाली पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
20 सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि 42 मदों में से वर्तमान में 26 मद A श्रेणी, 12 मद B श्रेणी तथा 4 मद D श्रेणी में हैं। उन्होंने B एवं D श्रेणी वाले विभागों को ठोस कार्ययोजना बनाकर शीघ्र A श्रेणी में लाने के निर्देश दिए। जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना एवं बायोगैस संयंत्र से संबंधित मदों की D श्रेणी पर विशेष नाराजगी व्यक्त की गई।
निर्माण कार्यों के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कार्य प्रारंभ से पूर्व एवं पूर्ण होने के बाद जीपीएस युक्त फोटोग्राफ अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएं, सभी निर्माण कार्यों का थर्ड पार्टी सत्यापन कराया जाए तथा कार्य पूर्ण होने पर स्थल पर योजना का नाम, कुल लागत एवं विभाग का विवरण दर्शाता हुआ शिलापट अनिवार्य रूप से लगाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को नियमित रूप से मौके पर जाकर निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी मुकेश नेगी ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिला योजना अंतर्गत जिले को 7020.50 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई, जिसके सापेक्ष अब तक 4744.35 लाख रुपये (68 प्रतिशत) व्यय किए जा चुके हैं। राज्य योजना में 72 प्रतिशत, केंद्र पोषित योजनाओं में 93 प्रतिशत तथा बाह्य सहायतित योजनाओं में शत-प्रतिशत धनराशि व्यय की जा चुकी है।
बैठक में जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी, एपीडी चंदा फर्त्याल, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी मुकेश नेगी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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