उत्तराखण्ड अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष श्री पी सी गोरखा जी ने अल्मोड़ा जनपद के सल्ट भिकियासेण अनुसूचित जाति के व्यक्ति की हत्या प्रकरण पर स्वतः संज्ञान लेकर कुमाऊं कमिश्नर नैनीताल को 15 दिनों को भीतर जांच कर आख्या उपलब्ध करने के आदेश दिए गये है। मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारि चिन्हित होने चाहिए कि आख़िर घटना के बाद ही ज़िला प्रशासन व पुलिस विभाग के अधिकारियों को ज़िम्मेदारी का अहसास होता है ।विदित हो कि 2 सितम्बर को जनपद अल्मोड़ा के ग्राम पनुवाद्युखन सल्ट तहसील का रहने वाला जगदीश चन्द्र जो कि एक अनुसूचित जाति का व्यक्ति था ने गीता उर्फ(गुड्डी) जो सामान्य जाति की थी ने गोलू देवता मंदिर अल्मोड़ा में हिन्दू रीति रिवाजों से शादी कर ली गयी थी ।गुड्डी जोकि समान्य जाति से होने के कारण गुड्डी का अपनी जाति से बाहर शादी करने से सौतेले पिता और सौतेले भाई को रास नहीं आया। लड़की ने सौतेले पिता और सौतेले भाई से जान का खतरा होने के सम्बन्ध 27अगस्त को एस एस पी जिला अल्मोडा तथा ज़िलाधिकारी अल्मोडा को को पत्र भेजा था। जिस पर प्रसासन ने तत्काल कोई भी कार्यवाही नही की फलस्वरूप और 2सितम्बर को घटना हो गयी थी ।
उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष पी सी गोरखा ने कहा कि अगर पुलिस व ज़िला प्रशासन समय रहते इस प्रकरण पर गंम्भीरता से कार्यवाही करता तो इस अनहोनी घटना को रोका जा सकता था ॥उपाध्यक्ष ने विभाग की सबसे बड़ी लापरवाही बताई और कहा भविष्य में प्रदेश में इस प्रकार के जातिगत उत्पीड़न मामले में संबन्धित अधिकारी को निष्पक्ष और त्वारित करवाही करने को लेकर सजग रहने की ज़रूरत है जिससे लगातार हो रहे अनुसूचित जाति के पीड़ितों व्यक्तियों को न्याय मिल सकें।और दोषियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई हो सकें।
इधर इस प्रकरण पर अम्वेडकर उत्थान समिति बेतालघाट के पदाधिकारियों ने उपाध्यक्ष से मिलकर मामले में कडी से कड़ी कार्रवाई को लेकर ज्ञापन सौंपा है ॥
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