भवाली। सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में एनसीईआरटी की दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित सम्पन्न की गई। उद्घाटन एनसीईआरटी निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी ने किया। उन्होंने एनईपी 2020 के भारतीय ज्ञान परंपरा आधारित शिक्षा मॉडल और मातृभाषा-आधारित शिक्षण के महत्व पर जोर दिया। कार्यशाला में एनसीईआरटी विशेषज्ञों तथा विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों-प्रधानाचार्यों ने पाठ्यक्रम सुधार और नवीन शिक्षण पद्धतियों पर चर्चा की। प्रधानाचार्य ग्रुप कैप्टन वी.एस. डंगवाल ने एनसीईआरटी टीम का आभार जताया। कार्यशाला में 50 से अधिक स्कूलों के 64 प्रतिभागियों ने शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को सुदृढ़ करने पर केंद्रित सत्रों में भाग लिया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि सीआईईटी, एनसीईआरटी के संयुक्त निदेशक प्रो. अमरेंद्र पी. बेहरा ने डिजिटल शिक्षा, आभासी प्रयोगशालाओं और शिक्षक सशक्तिकरण जैसी प्रौद्योगिकी पहलों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के दौरान वरिष्ठ विशेषज्ञों ने स्कूल नेतृत्व, समग्र प्रगति कार्ड, कक्षा प्रबंधन और विज्ञान शिक्षा में नवाचार जैसे विषयों पर सत्र लिए।समापन समारोह में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए और विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिसमें सैनिक स्कूल घोड़ाखाल और एनसीईआरटी की शिक्षा गुणवत्ता सुधार के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई गई। इस दौरान निदेशक प्रो दिनेश प्रसाद सकलानी, प्रो रंजना अरोड़ा, प्रो के विजयन, डॉ सुखविंदर, डॉ आशीष श्रीवास्तव, प्रो अमरेंद्र, डॉ सुष्मिता चक्रवर्ती रहे।
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