विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। इस मौके पर भगवान की समाधि पूजा की जाएगी। जबकि परम्परानुसार कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।
भगवान केदारनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोचार और पूजा-अर्चना के बाद शीतकाल के लिए गुरुवार को बंद कर दिए जाएंगे। भैया दूज के मौके पर कपाट बंद करने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। भगवान की चल विग्रह डोली अनेक पैदल पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी जहां बाबा की पूजा अर्चना कर मंदिर में डोली को विराजमान किया जाएगा। भगवान की पंचमुखी चल विग्रह डोली 27 अक्तूबर को फाटा पहुंचेगी। जहां रात्रि विश्राम के बाद 28 अक्तूबर को डोली गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी। 29 अक्तूबर को केदारनाथ की डोली पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। यहां पूजा-अर्चना और परम्परा के अनुसार डोली को मंदिर में विराजमान किया जाएगा। इसी दिन से पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू होंगी। कपाट बंद के लिए बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय केदारनाथ में हैं।
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