नोएडा का गगनचुंबी ट्विन टावर अब मलबे की ढेर में तब्दील हो चुका है । एक बटन दबाते ही यह टावर अदृश्य होकर धूल और मिट्टी में बदल गया । ट्विन टावर के साथ ही ढह गए 500 करोड़ रुपए , जो इस टावर को बनाने में खर्च हुए थे । नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि ट्विन टावर के मलबे को बर्बाद नहीं किया जाएगा बल्कि इसे नोएडा के सेक्टर 80 ट्रीटमेंट प्लांट में इस्तेमाल योग्य बनाया जाएगा । ट्विन टावर के मलबे से कम से कम 28,000 मीट्रिक टन का निर्माण होगा । सुप्रीम कोर्ट के ट्विन टावर को ढहाए जाने वाले फैसलों को लेकर आम लोगों की मिली – जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है । कुछ लोगों का मानना है कि यह सही फैसला था बल्कि कुछ इस फैसले के विरोध में भी नजर आए । ब्लास्ट करने से अच्छा अस्पताल बनवाना एक्टिव सिटीजन टीम के संस्थापक सदस्य आलोक सिंह ने कहा कि ‘ हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन निर्माण पर खर्च किए गए पैसे को बचाने के लिए इस इमारत को सरकार को सौंप दिया जाना चाहिए था । सरकार इस टावर में शहर के बेघर लोगों का पुनर्वास कर सकती थी । इतना पैसा बर्बाद करने के बजाय ट्विन टावर को अस्पताल में बदला जा सकता था । धोखेबाजों के लिए बनेगी एक नजीर सेक्टर 135 के सुनील मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश उन सभी को सबक देता है , जो कानून को हल्के में लेते हैं और पैसा बनाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं । ऐसे लोगों से घर खरीदारों को धोखा मिलता है , इसलिए यह फैसला सही था । ट्विन टावर की जमीन 25 करोड़ में खरीदी गई थी जिस जगह अभी ट्विन टावर का मलबा पड़ा हुआ है उस जमीन को सुपरटेक लिमिटेड ने 25 करोड़ में खरीदा था । इसी के साथ सुपरटेक लिमिटेड ने नोएडा प्राधिकरण से लेआउट मंजूरी प्राप्त
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