अल्मोड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को नगर के एक होटल में पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने पहाड़ के जिलों के लिए मुसीबत बने कैंची और क्वारब की समस्या को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। तंज कसा कि जो सरकार सड़क पर पड़े गड्ढे तक नहीं भर पा रही है वह क्वारब और कैंची की समस्या के समाधान के लिए बाईपास क्या बनाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कैंची में जाम की समस्या से निजात के लिए कालाढूंगी से बेतालघाट होते हुए सड़क का भुजान में मिलान करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसपर भाजपा सरकार ने कोई अमल नहीं किया। सरकार को आम जनता की समस्या से कोई सरोकार नहीं रह गया है। इसका खामियाजा अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली के साथ तराई से आने-जाने वाले लोग झेल रहे हैं। सरकार ने जनता को गुमराह करने के लिए भवाली से बाईपास की बात कही, लेकिन जमीनी हकीकत में कोई काम नहीं किया। क्वारब की पहाड़ी व्यापारियों, मरीजों एवं आम लोगों के लिए नासूर बन गई है। सरकार की प्राथमिकता में है ही नहीं कि सड़क व बाईपास बने। जो सरकार सड़कों के गड्ढे नहीं भरवा पा रही है उससे क्या उम्मीद की जा सकती है। यहां जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज, पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, विधायक मनोज तिवारी, ललित फर्सवाण, प्रकाश चंद्र जोशी, राधा बिष्ट, राजेंद्र बाराकोटी आदि थे।
डामर की गुणवत्ता पर उठाए सवाल: पूर्व सीएम ने सड़कों पर बिछाए जा रहे डामर की क्वालिटी पर सवाल उठाए। कहना है कि सड़कों पर ऐसा निम्नकोटि का डामर बिछाया जा रहा है जो हाथ से ही उखड़ रहा है। सरकार ने स्थानीय ठेकेदारों को दरकिनार कर गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान के लोगों को काम बांट दिए हैं। इससे सरकार की नीयत पर भी सवाल उठते हैं।
राज्य निर्माण की अवधारणा खत्म: पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सरकार ने गैरसैंण के साथ छल किया है। गैरसैंण मार्ग पर ग्रीष्मकालीन राजधानी के बोर्ड तो लगा दिए, लेकिन वहां एक एसडीएम तक नियुक्त नहीं किया जा सका। सरकार ने राज्य निर्माण की अवधारणा को ही कुचलकर रख दिया। भाजपा सरकार में कमजोर वर्ग को निचोड़ा जा रहा है और 20 से 25 फीसदी लोगों को सभी लाभ दिए जा रहे हैं।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें