पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का ग्रामीणों ने देर रात तक स्वागत किया। इसके बाद रात को उन्होंने अपना मन पसंद भोजन पालक और लाही की हरी सब्जी, मडुवे की रोटी के साथ मठ्ठे का स्वाद लिया। भोजन को लाजबाब बनाने के लिए पुदीने की चटनी व मूली का सलाद भी परोसा गया। साथ के उनके भाई के अलावा परिजनों से साथ भोजन किया।
मालूम हो कि भगत सिंह कोश्यारी का प्रिय भोजन खिचड़ी और हरी सब्जी है। सोमवार की वह अपने गांव नामतीचेटाबगड़ के गुंठी तोक पहुंचे। यहां अपने दो कमरे के आवास में गए। यहां भी उनसे मिलने देर रात तक ग्रामीण आते रहे। नौ बजे उन्होंने अपना प्रिय भोजन पालक, लाही की हरी सब्जी, एक मडुवे की रोटी, दो गिलाश मट्ठा पिया। इसके अलावा पुदीने की चटनी तथा खेतों में उगी मूली का सलाद लिया। हेमवंती कोश्यारी ने उनके लिए भोजन बनाया।
इस दौरान उनके भाई जगत सिंह कोश्यारी, डॉ. हरीश कोश्यारी, छाया कोश्यारी, पूर्व सैनिक कुंवर सिंह कोश्यारी आदि मौजूद रहे। कोश्यारी ने कहा कि ऑग्रेनिक खेती का भोजन करने वालों को दवा आदि की जरूरत ही नहीं पड़ती है। इसके लिए किसी भी कंपनी के मशाले की भी जरूरत नहीं पड़ती है। यह सुपाच्य भोजन होता है जो स्वस्थ्य रखने में भी मददगार होता है। उन्होंने लोगों से सब्जी उत्पादन के साथ दुग्ध उत्पादन करने की सलाह दी।
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