उत्तराखंड में आज को बूढ़ी दिवाली मनाई जाएगी। यह पर्व दिवाली के 11 दिन बाद मनाए जाने की परंपरा है। बूढ़ी दिवाली को बग्वाल-इगास भी कहा जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम के विजयी होकर अयोध्या लौटने की खबर दिवाली के 11 दिन बाद मिली थी। तभी से इस दिन को बग्वाल-इगास के रूप में मनाने की परम्परा है।
पंडित तिलक कांडपाल ने बताया कि पूजा स्थिर लग्न में करना उचित है। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 445 से 7 बजे तक रहेगा। इस बीच लोग अपनी परंपरा अनुसार पूजा-पाठ कर सकते हैं।
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