प्रधानाचार्य की विभागीय सीधी भर्ती के विरेाध में शिक्षकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से लिखे पत्र भेजना शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री से प्रधानाचार्य भर्ती को शिक्षकों के साथ नाइंसाफी करार देते हुए उसे तत्काल निरस्त करने की मांग की जा रही है। दूसरी तरफ, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि आगामी 25 सितंबर को हाईकोर्ट में वरिष्ठता मामले की सुनवाई प्रस्तावित है। कोर्ट के फैसले के बाद आगे की रणनीति पर निर्णय किया जाएगा। फिलहाल शिक्षक इस मामले में गांधीवादी तरीके से विभिन्न मंचों पर अपना विरेाध जारी रखेंगे।
मालूम हो कि, राज्य के 1385 सरकारी इंटर कालेजों प्रधानाचार्य के रिक्त पदों में 50 प्रतिशत पदों पर भर्ती के लिए लोक सेवा आयोग विज्ञप्ति जारी कर चुका है। पिछले साल शिक्षकों के विरेाध पर यह यह भर्ती स्थगित कर दी गई थी। अब नियमावली को संशोधित करते हुए भर्ती में एलटी शिक्षकों को भी शामिल किया गया है। सरकार के अनुरोध पर आयोग ने दोबारा से आवेदन मांगे हैं। शिक्षक इसका विरेाध कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रधानाचार्य के शत प्रतिशत पदों को प्रमोशन के जरिए ही भरा जाना चाहिए। अभी 17 सितंबर को शिक्षकों ने मुख्यमंत्री आवास कूच भी किया था। चौहान ने कहा कि प्रदेश भर में शिक्षक अपने अपने स्तर पर प्रधानमंत्री को खून से लिखे पत्र भेजने लगे हैं।
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