भवाली। सैनिक स्कूल, घोड़ाखाल में शुक्रवार को स्पिक मैके सोसायटी फॉर द प्रोमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूज़िक एंड कल्चर एमंगस्ट यूथ की ओर से स्वारांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मध्य प्रदेश के मालवा से आये विख्यात लोक गायक कालूराम बामनिया ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य ग्रुप कैप्टन वी के ठाकुर व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक गायक कालूराम बमानिया ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्रधानाचार्य वी के ठाकुर ने कालूराम मुख्य अतिथियों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। अतिथियों ने कहा कि लोक संगीत सामान्य बहुसंख्यक जनमानस का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए लोक गीत-संगीत की भाषा भी लोक की ही होती है। वाणी के डिक्टेटर कबीर की भक्ति लोकभाषा के कारण ही सहज बनती है। मुख्य अतिथि कालूराम बामनिया ने कहा सिर्फ़ भारतीय लोक संस्कृति को ही नही, बल्कि निर्गुण कवियों की प्रस्तुति से वे भारत के सनातन दर्शन एवं चिंतन को भी जीवांत किए हुए हैं। जिससे आज के युवा वर्ग को जुड़ने की आवश्यकता है। विद्यालय के रतनदीप सभागार में उन्होंने सर्वप्रथम कबीर बानी से गुरु वंदना ‘गुरु गम का सागर’ गायी। इसके बाद उन्होंने ‘इनका भेद बता मेरे अवधू’, ‘मत कर माया को अहंकार’, ‘मन लागो मेरो यार फ़कीरी में’, ‘जरा धीरे-धीरे गाड़ी हाँको’ भजन – प्रस्तुतियाँ देकर दर्शकदीर्घा को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में उनके सभी साथी कलाकारों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। इस दौरान उत्तम सिंह बामनिया, राम प्रसाद परमार, अंकित मालवी, सज्जन सिंह परमार, प्रधानाचार्य ग्रुप कैप्टन वी. के ठाकुर, उप प्रधानाचार्य कमांडर एस. नागराजन, दीपा पंत रहे।
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