बेटे की चाहत में 28 दिन की बेटी को नहर में फेंककर जाने लेने के मामले में कोर्ट ने मां को उम्रकैद की सजा सुनाई है । इस मामले को छिपाने के आरोप में पिता को चार साल की सजा सुनाई गई है । मां को आठ हजार और पिता को तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित भी किया गया है । चकरपुर पचौरिया नई बस्ती गांव के विजय कुमार उर्फ गोविंद प्रसाद ने कोतवाली में 28 दिन की बेटी प्रियांशी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी । उसका कहना था कि उसकी बेटी लापता है । पुलिस ने जांच की तो चौंकाने वाली बात सामने आई । पता चला कि बच्ची की मां निशा बेटी के पैदा होने से निराश थी । इस कारण उसने बच्ची को लोहियाहेड पावर हाउस नहर में फेंक दिया । मामले की जानकारी जब विजय को हुई तो उसने पत्नी को डांटा लेकिन उसके बाद पत्नी को बचाने के लिए मामले को छिपाए रखा । बाद में गुमशुदगी दर्ज करा दी । घटना के 12 वें दिन बच्ची का शव लोहियाहेड पावर हाउस की जाली में उतराता मिला । मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्म सिंह की अदालत में चला । पुलिस ने 16 मार्च 2020 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिए थे । अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सौरभ ओझा ने नौ गवाहों को पेश किया । न्यायाधीश ने बच्ची की मां निशा उर्फ नगमा को हत्या का दोषी और पिता विजय कुमार को मामले को छिपाने का दोषी पाया । अदालत ने निशा को धारा 302 व 201 में आजीवन कारावास और आठ हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया । पिता विजय कुमार उर्फ गोविंद प्रसाद को धारा 201 के तहत चार साल की सजा और तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया ।
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