सोशल मीडिया न केवल समय की बर्बादी का कारण बन रहा है, बल्कि युवाओं को अवसाद की तरफ भी धकेल रहा है। ताजा शोध में खुलासा हुआ है कि सोशल मीडिया की लत युवाओं के मन को बीमार कर रही है।
जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जो युवा सोशल मीडिया का अधिक उपयोग करते हैं उन्हें छह महीने के भीतर अवसाद से ग्रसित होने की आशंका काफी अधिक होती है। अध्ययन के अनुसार, हर दिन 300 मिनट (पांच घंटे) से अधिक सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले युवाओं में अवसाद की संभावना दोगुनी होती है। साथ ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने वाले लोगों में, इसका प्रयोग नहीं करने वालों की तुलना में उदास रहने की संभावना आशंका 49 फीसदी कम थी। सबसे अहम यह है कि हर तरह के व्यक्तित्व वाले लोगों में अवसाद सोशल मीडिया के इस्तेमाल से जुड़ा हुआ था।
हाल में ब्रिटेन में 14 साल की लड़की मौली रसेल की आत्महत्या के लिए अदालत ने सोशल मीडिया सामग्री को जिम्मेदार माना था। 2017 में इस लड़की की मृत्यु हो गई थी, इससे छह महीने पहले तक उसने आत्महत्या, अवसाद से जुड़े 2100 पोस्ट देखे थे।
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