भवाली। दूरस्थ रामगढ़ बोहराकोट क्षेत्र में बीते वर्ष आई आपदा के जख्म अब भी हरे भरे हैं। बीते एक वर्ष से आपदा में अपना घर और जमीन खो चुके प्रभावित आठ परिवार टेंट में रहने को मजबूर है। कई बार मांग के बाद भी प्रभावित परिवारों को विस्थापित नहीं किया जा सका है।
पिछले साल अक्टूबर को अतिवृष्टि से रामगढ़, बोहराकोट क्षेत्र में भारी आपदा आई थी। आपदा से कई मजदूरों की मौत हो जाने के साथ ही ग्रामीणों के भवन जमींदोज हो गए। प्रशासन की ओर से मौका मुआयना कर प्रभावित परिवारों को विस्थापित किए जाने का आश्वासन दिया था। प्रशासनिक स्तर पर विस्थापन की प्रक्रिया शुरू कर रामगढ़ क्षेत्र में जगह भी चिन्हित कर ली गई। मगर एक वर्ष गुजर जाने के बावजूद भी प्रभावित लोगों को विस्थापित नहीं किया जा सका है। इधर प्रभावित आठ परिवार टेंट में रहकर किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं। ग्रामीणों ने एक बार फिर से मुख्य उद्यान अधिकारी को ज्ञापन दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता धीरज शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से भूमि तो चयनित कर ली गई है। मगर कई अन्य प्रक्रिया अभी लंबित है। उन्होंने तत्काल सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर प्रभावित परिवारों को विस्थापित किए जाने की मांग की।
वही जिलाधिकारी नैनीताल ने मुख्य उद्यान अधिकारी को पत्र लिखकर चयनित स्थल को आवंटित करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि बार-बार आश्वासन दिया जा रहा है और जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा है सामाजिक कार्यकर्ता धीरज शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही पीड़ित परिवारों को जमीन नहीं मिली तो पीड़ित परिवारों के साथ धरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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