बनखंडी में रामलीला मंचन को लेकर चल रहे दो पक्षों के बीच महाभारत शुरू हो गया है। कमेटी के 29 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद राम बारात निकालने की अनुमति नहीं मिलने पर मंगलवार देर शाम रामलीला के पात्र दलबल के साथ ऋषिकेश कोतवाली पहुंच गए।
कोतवाल ने मामला प्रशासन स्तर का बताते हुए हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। इस पर रामलीला कमेटी के पदाधिकारी और पात्र वापस चले गए। बनखंडी में रामलीला कमेटी को लेकर दो गुटों में विवाद है। विवाद के बीच प्रशासन ने किसी भी पक्ष को रामलीला मंचन की अनुमति नहीं दी। एक पक्ष की ओर से 18 सितंबर से मंचन शुरू कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस की ओर से मंचन से जुड़े 29 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इससे ही जुड़े एक और मुकदमे में दो लोग नामजद किए गए थे। मंगलवार को मंचन करने वाली कमेटी की ओर से राम बारात निकाली जानी थी। आयोजकों का कहना है कि इसकी अनुमति नहीं दी गई। शाम को सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारी मंचन करने वाले पात्रों के साथ कोतवाली जा पहुंचे। राम बारात निकालने, दशहरे के दिन रावण दहन की अनुमति देने का विरोध किया । कमेटी के अध्यक्ष हरिराम अरोड़ा और महामंत्री योगेश कालरा ने कहा कि कुछ रसूखदार लोग कमेटी व उसकी संपत्ति पर कब्जा करने की नीयत से सरकार को गुमराह और भ्रमित कर कलाकारों, संगीतज्ञ, पदाधिकारियों पर लगातार मुकदमे कर हैं। आरोप है कि उन्हें रामलीला किए जाने से रोका जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। ऋषिकेश कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप राणा का कहना है कि विवाद के चलते प्रशासन के स्तर से अनुमति नहीं मिली।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें