दून अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के ऑर्थो सर्जन डॉ. शशांक ने मिसाल पेश की है। उन्होंने एक मरीज को पहले खुद खून दिया और फिर उसका ऑपरेशन किया।
अस्पताल के प्रवक्ता महेंद्र भंडारी के मुताबिक दून निवासी अवधेश के गहरे गड्ढे में गिर जाने पर उसे गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। जांच के दौरान उनके सीने, बाएं हाथ और जांघ की हड्डी में फ्रैक्चर पाया गया। तीन दिन आईसीयू में रखने के बाद उनकी स्थिति ठीक हुई। इसके बाद डॉक्टरों द्वारा मरीज के जांघ की हड्डी का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया, लेकिन खून की कमी होने पर मरीज का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था। उनकी बेटी ने खून देने की कोशिश की लेकिन कुछ समस्या होने के चलते वह खून नहीं दे सकीं। कोई परिचित या रिश्तेदार भी खून नहीं दे सका। यह बात उनके इलाज करने वाले डॉ. शशांक सिंह को पता चली तो उन्होंने खुद मरीज को खून देने का फैसला किया। बुधवार को डॉ. शशांक सिंह ने मरीज को पहले खून दिया और फिर मरीज की जांघ की हड्डी का ऑपरेशन किया। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, एमएस डॉ. यूसुफ रिजवी, डीएमएस डॉ. एनएस खत्री, डॉ. धनंजय डोभाल ने उनकी सराहना की।
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