बरेली रोड पर हाईटेंशन लाइन में गार्डनिंग का काम कर रहे एक श्रमिक (बिजली कर्मी) को करंट लग गया। झटका लगते ही श्रमिक छिटककर खंभे में उलझे तारों के बीच फंस गया। इससे साथ में काम कर रहे अन्य श्रमिकों में खलबली मच गई। आसपास के लोगों ने नीचे चारपाई बिछाकर श्रमिक को डंडे के माध्यम से नीचे उतारने का प्रयास किया। करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद श्रमिक नीचे गिरा। उसे तुरंत एसटीएच में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक करंट लगने से श्रमिक 20 फीसदी तक झुलस गया। लोग इसमें सीधे तौर पर ऊर्जा निगम और ठेकेदार की लापरवाही मान रहे हैं। सवाल है कि लाइन में करंट के समय श्रमिक से काम क्यों कराया जा रहा था। वहीं ऊर्जा निगम ने मामले में जांच बैठा दी है।
बुधवार को सुबह करीब 1130 बजे बरेली रोड पुरानी आईटीआई के पास ठेकेदार के श्रमिकों से हाईटेंशन लाइनों में गार्डनिंग और तार बदलने का काम शुरू कराया। श्रमिक को बिना सुरक्षा उपकरणों के ही लाइन ठीक करने के काम में लगाया गया। अफसरों का दावा है कि इसके लिए बिजली घर से 1030 बजे शटडाउन लिया गया था, लेकिन श्रमिकों के काम करते समय एकाएक लाइन में करंट दौड़ने लगा। इससे लाइन में काम कर रहे राजपुरा निवासी राकेश (39) करंट से झुलस गया। करीब एक मिनट तक लाइन में चिपके रहने के बाद वह छिटक गया। लाइन से गिरने के बाद श्रमिक पोल से लिपटे केबल तारों में फंस गया। इससे साथ काम कर रहे श्रमिकों में खलबली मच गई। आननफानन में पास के घर से एक चारपाई मंगाकर डंडे से उसे उतारने का प्रयास शुरू कर दिया।
मामले की सूचना अफसरों को भी दी। कड़ी मशक्कत के बाद श्रमिक नीचे चारपाई पर गिर गया। वहां से गुजर रहे मेडिकल कॉलेज में एमएसडब्ल्यू के पद पर कार्य कर रहे विजय हेडिया ने घायल राकेश को तुरंत एसटीएच पहुंचाया। प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया जरूरी इलाज शुरू कर दिया गया है।
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