ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी , भीमताल परिसर तथा भारतीय भौतिकी शिक्षक परिषद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के द्वितीय दिवस पर प्रशिक्षक प्रो ० जगदीश चन्द्र सामन्ता डॉ ० आनन्द सिंह राणा श्री तन्मय पाल एवं अर्निबान सामन्ता द्वारा भौतिकी के प्रयोगात्मक प्रदर्शन की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुये विद्युत परिपथ से सम्बन्धित उपकरणों जैसे धारा संसुचन यंत्र गैल्वनोमीटर धारामापी उपकरण आमीटर , विभवमापी उपकरण बोल्टमीटर की जानकारी एवं उनके विभिन्न विभिन्न विद्युत परिपथों में अनुप्रयोग से सम्बन्धित प्रयोगों का प्रदर्शन करते हुये विस्तार पूर्वक चर्चा की जिसमें छात्र – छात्राओं द्वारा सक्रिय प्रतिभाग किया गया । उक्त सत्र के दौरान डॉ ० आनन्द सिंह राणा ने छात्र छात्राओं के साथ प्रकाश के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धान्त , प्रकाश की ध्रुवण प्रकृति एवं गति की सापेक्षिकता से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की एवं जानकारी दी । इसी क्रम में गुरुत्वाकर्षण एवं द्रव्यमान केन्द्र से सम्बन्धित प्रयोगों का प्रदर्शन भी किया गया तथा उनका दैनिक जीवन में होने वाली घटनाओं से सम्बन्ध एवं प्रभावों की जानकारी भी प्रशिक्षकों ने छात्र – छात्राओं के साथ साझा की । दिन के सत्र में प्रशिक्षकों ने अर्न्तविषयी प्रयोगों जैसे स्यानता , परासरण , अपसरण , कैपीलरी नली से सम्बन्धित प्रयोगों का प्रदर्शन करते हुये उनके दैनिक जीवन में होने वाली घटनाओं से सम्बन्ध को समझाया । कार्यशाला के अन्तिम दिवस पर विद्युतचुम्बकत्व से सम्बन्धित प्रयोगों का प्रदर्शन किया गया जिसके अन्तर्गत चुम्बकीय उत्तोलन को प्रदर्शित करते हुये उसका महत्व भारी वाहनों जैसे ट्रेन इत्यादि के परिवहन में समझाया इसी क्रम में ट्रान्सफार्मर एवं विद्युत चुम्बकीय प्रेरण से सम्बन्धित प्रयोगों को प्रदर्शित करते हुये उनके पावर हाउस से घरों में विद्युत धारा के होने वाले वितरण पर चर्चा की गई साथ ही साथ चुम्बकीय कुण्डली से सम्बन्धित प्रयोगों का प्रदर्शन कर उनके महत्व की चर्चा की गई । अर्न्तविषयी प्रयोगों के अन्तर्गत फोल्डस्कोप ( माइक्रोस्कोप ) उपकरण से सम्बन्धित प्रयोगों के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की वनस्पति कोशिकाओं का प्रदर्शन करते हुये उनकी पादप जगत में उपयोगिता को समझाया उक्त के अन्तर्गत श्यानता एवं पृष्ठतनाव से सम्बन्धित प्रयोगों का प्रदर्शन किया गया तथा इन प्रयोगों की द्रवों के व्यवहार को समझने में होने वाली भूमिका में चर्चा की । उक्त सत्र के दौरान परिसर निदेशक प्रो ० एम ० सी ० लोहनी विभागाध्यक्ष डॉ ० मेहुल मानु कार्यशाला समन्वयक डॉ ० दीपेन्द्र सिंह रावत पर्यवेक्षक के रूप में कार्यशाला का निरीक्षण करते रहे ।
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