मानसून की पहली बारिश ने ताजा की आपदा की याद, रिवर ड्रेनिग में देरी होने से बाजार को बन रहा भारी खतरा, 2 दिन शेष कैसे बचाए बाजार को

ख़बर शेयर करें

गरमपानी- गरमपानी खैरना बाजार में आपदा को आये अभी 1 साल भी नही बीता है कि मानसून की पहली बारिश ने ही बाजार के लोगो को अक्टूबर माह में आई आपदा की याद दिला दी जिसमें 113 परिवारों को इस आपदा में भारी नुकसान के साथ-साथ अपने घरों को भी शिप्रा नदी के बहाव में बहते हुवे देखा था , बावजूद इसके अभी तक शिप्रा नदी पर खदान का कार्य पूरा नही हो पाया है।
जिसमे प्रशासन द्वारा अंतिम 20 दिनों में रिवर ड्रेनिग का पट्टा स्वीकृत किया गया जिसमें केवल 10 प्रतिशत कार्य ही अभी तक किया गया है, जिसमे आज मानसून की पहली बारिश में शिप्रा में तेज बहाव को देखते हुवे सभी बाजार के लोग नदी के भय से घरो से बहार आ गए, वही इस तेज बहाव के साथ ग्राम सभाओं को जाने का जाने वाले दो वैकल्पिक पुल भी शिप्रा के तेज बहाव में बह गए। वही शिप्रा नदी में रिवर ड्रेनिग के कार्य में देरी होने से अब खतरा और अधिक बढ़ गया,

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी में लाखों की चोरी, इस नए अंदाज से दिया चोरी को अंजाम, आप भी हो जाओगे हैरान

वही बताते चले कि शिप्रा नदी के तेज बहाव के साथ सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर तथा 1 दर्जन से अधिक ग्राम सभा को जाने वाला अस्थाई रूप से बनाया गया पुल तथा डोबा को जाने वाला अस्थाई पुल भी इस नदी तेज बहाव के साथ शिप्रा नदी में बह गया, वही पुलों के बहने से अब ग्रामीणों को अतिरिक्त कई किलोमीटर दूर सफर कर घर जाना पड़ रहा है, जिससे ग्रामीणों को काफ़ी परेसानी का सामना करना पड़ रहा है ।
वही आपदा के बाद से अभी तक किए भी मार्ग का कार्य पूरा नही हो पाया है जिससे 1 दर्जन से अधिक ग्राम सभाओं के लोगो को अस्थाई बने पुल से सफर करना पड़ रहा था लेकिन अब वह पुल भी नदी के तेज बहाव में बहने के बाद लोगो को भारी परेसानी का सामना करना पड़ रहा है ।

यह भी पढ़ें 👉  संगठनात्मक शक्तियों को रचनात्मक कार्यों में लगाया जाए, प्रोफेसर नगेंद्र द्विवेदी

वही ग्राम सभा के लोगो का कहना है की अगर बाढ़ के खतरे को कम किया जाना है तो रिवर ड्रेनिग के कार्य को 30 जून से बढ़ा कर 31 जुलाई तक किया जाए । जिससे लोगो की जिन्दगियों को बचाया जा सके ।

Join WhatsApp Group

You cannot copy content of this page