भवाली। रामगढ़ सामुदायिक भवन दाड़िमा ग्रामसभा में सोमवार को वन पंचायत की एक बैठक का आयोजन किया गया। वन पंचायत सरपंच चम्पा देवी की अध्यक्षता में बैठक की गई। बैठक में वन अधिकार की प्रासंगिकता, वन पंचायतों की उपयोगिता को लेकर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि दाड़िमाँ वन पंचायत 450 हेक्टेयर में फैला है। यहां मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, चोली की जाली तक वन क्षेत्र है। पर्यटक कूड़ा फैक रहे हैं, जिस कारण आग लगने का खतरा बढ़ रहा है। कहा दुर्भाग्यपूर्ण है कि वन पंचायत कानून की जानकारी लोगो को नही है। मुक्तेश्वर महादेव, चोली की जाली, जटा मन्दिर को वन अधिकार कानून के तहत वन पंचायत द्वारा संचालित करने के सहमति ग्रामसभा के सामने रखी।
सरपंच चम्पा देवी ने कहा कि प्रशासन लगातार वन पंचायत नियमावली में फेरबदल कर रहा है। अधिकार में प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। सरपंच की भूमिका आज सिर्फ चौकीदार की बन गई है। कहा वन विभाग किसी भी योजना में काम करने को लेकर 55 से 60 प्रतिशत तक कमीशन लेता है। इस व्यवस्था को ठीक करने के लिए वन पंचायत रणनीति बनाएगा।
आस पास क्षेत्र के ग्राम प्रधानों गौरव नयाल, सुधीर कुमार, मानू भट्ट, खुशाल बिष्ट, अशोक थापा, कुंन्दन सिंह ने एकजुट होकर कहा कि वन पंचायत हमारे लिए सभी जरूरत पूरी करती है। जंगल ही हमारा जीवन है। जंगल ही हमारे लिए बड़ी संपत्ति है। इसे सँभलांना जरूरी है।
बैठक का संचालन जगदीश चन्द्र ने किया।
इस दौरान पंचायत प्रतिनिधि गोपाल लोधियाल, सरपंच संगठन अध्यक्ष कमल सुनाल, पूर्व प्रधान ममता रैकवाल, पूजा थापा आदि रहे।
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