ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में गुरुत्वीय तरंगों पर व्याख्यान माला प्रारम्भ

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भवाली। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में
संबद्ध विज्ञान विभाग ने मंगलवार को दो दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की। जिसमे प्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी प्रो. भवानी प्रसाद मंडल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी मुख्य वक्ता रहे। व्याख्यान की अध्यक्षता प्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी प्रो एच सी. चंदोला, भौतिकी विभाग, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल ने की। वैज्ञानिको का स्वागत निदेशक प्रो.एम.सी. लोहनी ने किया। व्यख्यान में समन्वयक डॉ. दीपेन्द्र सिंह रावत ने छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ प्रो. बी.पी. मंडल एवं प्रो. एच. सी. चंदोला की उपलब्धियों और विशेषज्ञता का परिचय करवाया। मुख्य वक्ता प्रो. बी.पी. मंडल ने ब्रह्मांड के सूक्ष्म एवं वृहद संरचना का परिचय दिया। उन्होंने खगोल भौतिकी, कण भौतिकी, क्वांटम यांत्रिकी और सापेक्षता से संबंधित तथ्यों को दर्शकों के साथ साझा किया। गुरुत्वाकर्षण तरंग और उनकी खोज की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1916 में प्रो. अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा प्रतिपादित गुरुत्वाकर्षण तरंग की अवधारणा की खोज की। 2015 में अमेरिका में स्थित LIGO वेधशाला द्वारा इसका पता लगाया गया। प्रो. बी.पी. मंडल एवं प्रो. एच. सी. चंदोला ने बताया कि गुरूत्वीय तरंगों की खोज ने हमें ब्रह्माण्ड की उत्पति एवं निर्माण से संबंधित अनसुलझे रहस्यों को उजागर करने का नया मार्ग दिया है। अब तक मात्र विद्युत चुम्बकीय एवं माइक्रोवेव ब्रह्मांडीय बैकग्राउंड विकिरण ही इस ब्रह्मांड की उत्पति एवं विकास को जानने का रास्ता था। दोनों ने गुरूत्वीय तरंग के क्षेत्र में किए जा रहे शोध कार्यों से भी श्रोताओं को अवगत करवाया। प्रश्नोत्तर सत्र के बाद प्रो. एच.सी. चंदोला ने अपने प्रेरक वैज्ञानिक स्वभाव के माध्यम से दर्शकों के साथ बातचीत की और छात्रों और संस्थान के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।
डॉ. मेहुल मनु, विभागाध्यक्ष ने दोनों वेज्ञानिकों, प्रतिभागियों, संकाय सदस्यों और मीडियाकर्मियों को धन्यवाद दिया। इस दौरान डॉ. नवनीत जोशी, राजेंद्र सिंह बिष्ट, गोविंद सिंह जेठी, डॉ. मदन मोहन सती, डॉ. बी.सी. जोशी, डॉ. अमित मित्तल, डॉ. पुष्पा भाकुनी, कमलेश, नंद लाल और बी.टेक. प्रथम सेमेस्टर के छात्र छात्रा उपस्थित रहे।

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