


धारी व रामगढ़ क्षेत्र में
हर कोई होली की मस्ती में सराबोर है ।
ग्रामीण देर रात तक ढोल की थाप , सुरताल के साथ गांवों के घर – घर बडी़ ढोली बनाकर घरों जाकर होली गायन कर रहे है । वहीं होल्यारों को पहाड़ के घरों में सूजी व आलू के गुटके , बुरांश जूश , गुड़ चना आदि परोसा जा रहा है ।
होली महोत्सव में धारी व रामगढ़ क्षेत्र के गांव में एक से बढ़ एक होली का गायन किया जिनमें
हरशिव के मन माही बसे काशी .. , शिव जी चले गोकुल नगरी.. , जल कैसे भंरु यमुना गहरी .. आदि होली के गीत शामिल है ।
यहां धानाचूली , सुन्दरखाल , परबडा़ , सुनकिया , सूपी सतबुंगा , नथुवाखान , पहाड़पानी आदि जगहों पर ग्रामीण होली गायन में बढ़़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं ।
यहाँ धारी के सुंदरखाल में होल्यारों की ढोली में भवान सिंह बिष्ट, नारायण बिष्ट, गोपाल बिष्ट,डुंगर सिंह , चन्दन सिंह , सोबन बिष्ट, कमल बिष्ट आदि मौजूद रहे ।


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