प्रदेश के विभिन्न विभागों में उपनल के जरिए काम कर रहे कर्मचारियों को फिलहाल नहीं हटाया जाएगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। सभी विभागों को जारी आदेश में उन्होंने नियमानुसार जरूरी कार्रवाई करने को कहा है।
मालूम हो कि 12 नवंबर 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट ने उपनल कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से नियमित करने व उन्हें न्यूनतम वेतनमान मुहैया कराने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दायर एसएलपी को सुप्रीम कोर्ट बीती पंद्रह अक्तूबर को निरस्त कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सरकार द्वारा रिव्यू याचिका दायर किए जाने से अब भी यह मामला न्यायिक तौर पर विचाराधीन है।
विभागों ने हटाने शुरू कर दिए थे कर्मचारी इस बीच, कुछ विभागों ने उपनल कर्मचारियों को हटाना शुरू कर दिया। हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज, दून अस्पताल और पर्यटन विभाग ने नियमित नियुक्तियां शुरू होने को आधार बनाते हुए कर्मियों के तबादले करने शुरू कर दिए थे। इससे कर्मचारी काफी परेशान थे।
कुछ समय पहले उपनल कर्मचारी महासंघ ने इस विषय को मुख्य सचिव के सामने उठाया था। महासंघ अध्यक्ष विनोद गोदियाल का कहना था कि विभाग उपनलकर्मियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्हें सेवा से हटाने को दबाव बनाया जा रहा है। महासंघ के महामंत्री विनय प्रसाद और महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष मीना रौथाण ने इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करार देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से सार्थक कदम उठाने का अनुरोध किया था।
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