सिचाई नहरों के बदहाल होने से ब्लॉक के 80% से ज्यादा लोगो ने नही किया फसल उत्पादन कार्य, अक्टूबर माह में आई आपदा के चलते पूरी तरह बह गई थी सिचाई नहरे

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गरमपानी- आपदा की मार से अभी तक ब्लॉक के लोग उभर नही पाए है जिसके चलते ब्लॉक् के ऐसे कई ग्राम सभाएं है जहाँ इस बार सिचाई नहरों टूट जाने से लोगो ने इस वर्ष खेती ही नही की जिसके चलते लोगो को आर्थिक परेसानी का सामना करना पड़ रहा है,
अक्टूबर माह में आई भारी तबाही में कई लोगो ने अपने घरों के साथ साथ खेतो को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा, कई ऐसे ग्रामीण भी है जिनके पास अब खेती करने को जमीन तक नही बच पाई हैं, वही इस तबाही में ब्लॉक की सिचाई नहरों को भारी नुकसान हुआ है, जिसके चलते मल्ली पाली, आमबॉडी, बिश्गोली, जावा, तल्ली पाली, गाजर, अमेल, रोपा शेरा, घोड़िया हलसो, डोबा, मझेड़ा, चुवारी, ऊँचाकोट, जजुला, जोग्याडी, कफुल्टा, पाडली, रातीघाट, रतौड़ा, बर्धौ , घघरेटी, इत्यादि ग्राम सभा के 80% अधिक लोगो के द्वारा फसल उत्पादन का कार्य ही नही किया जा सका, वही जितने लोगो ने भी खेती की है वो भी सिचाई के लिए कई किलोमीटर दूर से पानी ला कर खेती कर रहे है, जिसके चलते लोगो के बीच अब भारी आर्थिक संकट पैदा हो चुका है, वही अभी सिचाई विभाग के अनुसार पूरे ब्लॉक में लगभग छोटी बड़ी सिचाई नहर योजना में 15 करोड़ की सिचाई योजनाओ को नुकसान हुवा है, जिसका अभी तक कोई बजट सरकार द्वारा स्वकृति नही हो पाया है,

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वही आपदा के बाद से पूरे ब्लॉक में 40 छोटी बड़ी सिचाई नहरों क्षतिग्रस्त हुई थी, जिसमे 7 बड़ी सिचाई योजनाओं पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है जिसका अभी तक सरकार द्वारा कार्य के लिए बजट स्वकृति नही किया गया, हालांकि विभाग ने कई बार इस्टीमेट बना कर शासन को भेज दिया गया है लेकिन अभी तक कोई बजट स्वकृति नही हो पाया,

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कुल बड़ी योजना की 10 नहरे है, जिनमे केवल एक पूर्ण रूप से चल पा रही है, वही 1 आंशिक रूप से चल रही है, वही 31 छोटी योजना है जिसमे केवल 50% कम नहरे सुचारू है ।
आपदा के बाद छोटी सिचाई नहरों को वैकल्पिक सुविधा हेतु चालू रखने के लिए जिलाधिकारी द्वारा लगभग एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई थी, जिनके द्वारा सिचाई नहरों की छोटी योजनाओं को वैकल्पिक रूप से चलाया जा रहा है जिसमे पर्याप्त मात्रा में ग्रामीणों को अभी भी पानी नही मिल पा रहा है,

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इन सभी सिचाई नहरों की व्यवस्था के बदहाल होने के चलते अब ग्राम सभा के लोगो द्वारा आन्दोलन का मन बना लिया है, जिसमे ग्राम प्रधान शेखर दानी के बताया है कि आपदा को 1 वर्ष पूरा हो गया है और राज्य में सरकार को बने 6 महीने हो चुके है जिसमे विधायक द्वारा अभी तक आपदा के टूटे किसी भी कार्य को देखा तक नही है, जिससे आम जन पहले से अधिक परेशान हो गया है जिसमें अब पूरा युवा , काश्तकार 15 दिन के भीतर आन्दोलन करने को बाध्य है, इस दौरान शेखर दानी, कुंदन नेगी, क्षेत्र पंचायत सदस्य कविता वर्मा, पूर्व प्रधान पान सिंह बिष्ट, देव सिंह बिष्ट, ठाकुर सिंह, बाला दत्त खंडूरी, आदि लोग मौजूद रहे ।

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