बेतालघाट के बेताल नकुवा बुबू पर बनी डॉक्यूमेंट्री का हुआ विमोचन

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धुरी फाउंडेशन द्वारा निर्मित “बेतालघाट के बेताल” डॉक्यूमेंट्री का विमोचन

बेतालघाट- धुरी फाउंडेशन द्वारा निर्मित “बेतालघाट के बेताल” डॉक्यूमेंट्री का भव्य विमोचन आज 13 अप्रैल को मिनी स्टेडियम बेतालघाट के हाल में किया गया। विमोचन समारोह के मुख्य अथिति राहुल अरोड़ा , महंत श्री श्री रवि शंकर महाराज , संयोजक सुरेंद्र हालसी, पूर्व दर्जा मंत्री पीसी गोरखा, जिला पंचायत सदस्य मंजू आर्य, बीजेपी मंडल अध्यक्ष प्रताप बोहरा, बेतालघाट ब्यापार मंडल अध्यक्ष बालम बोहरा , दलीप नेगी , चंपा जलाल , तारा भंडारी , पान सिंह जलाल ने संयुक्त रूप से किया ।

समारोह के मुख्य अथिति राहुल अरोड़ा ने बताया कि यह डॉक्यूमेंट्री बेतालघाट क्षेत्र की प्राचीन और रहस्यमयी लोकगाथा पर आधारित है, जिसमें बेताल यानी नकुवा बूबू से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं को उजागर किया गया है। इस डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से बेतालघाट क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा साथ ही क्षेत्र से बाहर के लोगो में भी नकुवा बूबू, और अमेल देवी के प्रति आस्था बढ़ेगी ।

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पूर्व दर्जा मंत्री पीसी गोरखा ने बताया कि यह डॉक्यूमेंट्री बेतालघाट क्षेत्र के विकास का एक दस्तावेज बनकर उभरेगी । हमारी आने वाली पीढ़ी को पता लग पाएगा कि क्यो हमारे क्षेत्र को बेतालघाट बोला जाता है । युवा पीढ़ी की हमारे आराध्य नकुवा बूबू के प्रति आस्था बढ़ेगी , क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा । उन्होंने सुरेंद्र हालसी के प्रयास की भी काफी सराहना की ।
डॉक्यूमेंट्री के निर्माता सुरेंद्र हालसी ने बताया कि क्षेत्र में बेताल की गाथा सदियों से जनमानस में प्रचलित है। जब उन्हें बेताल से देवता बनने की इस रहस्यमयी कथा की सच्चाई का पता चला, तभी उन्होंने इसे संकलित कर डॉक्यूमेंट्री के रूप में प्रस्तुत करने का संकल्प लिया। यह कथा न केवल बेतालघाट बल्कि संपूर्ण कोशिया घाटी से जुड़ी हुई है, जो अल्मोड़ा के कोशी से लेकर रामनगर तक फैली है। इस कारण, इस डॉक्यूमेंट्री के निर्माण से पहले पूरे क्षेत्र का गहन अध्ययन किया गया, ताकि इसके ऐतिहासिक तथ्यों को प्रामाणिक रूप से प्रस्तुत किया जा सके।
डॉक्यूमेंट्री का लेखन वरिष्ठ पत्रकार चारू तिवारी जी द्वारा किया गया है, जबकि डायरेक्शन की जिम्मेदारी मनोज चंदोला जी ने संभाली है। इसमें 15 से अधिक स्थानीय बालकलाकारों ने अभिनय किया है, जो इस कथा को जीवंत बनाते हैं। लगभग 15 दिनों तक बेतालघाट क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में इस डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग की गई।

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सुरेंद्र हालसी का मानना है कि इस डॉक्यूमेंट्री के निर्माण से बेतालघाट क्षेत्र और नकुवा बूबू की महिमा को लोग बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। साथ ही, इससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र के विकास को नई दिशा मिलेगी।
कार्यक्रम में मंच संचालन तारा भंडारी ने किया ।

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इस अवसर पर राहुल अरोड़ा , पीसी गोरखा , सुरेंद्र हालसी , प्रताप बोहरा ,दीप रिखाड़ी, दलीप नेगी , चम्पा जलाल , तारा भंडारी , रमेश तिवारी , पान सिंह जलाल , विवेक , रमेश तिवारी , बालम बोहरा , गणेश जलाल , दलीप बोहरा, जगत सिंह बिष्ट, जगदीश नाथ गोस्वामी, शेखर फुलारा, गणेश जलाल, प्रताप बोहरा, गुडु वर्मा, रवि पढालनी, दयाल मेहरा, चम्पा जलाल, चित्रा जैडा, जानकी लोहिया, सीमा तिवारी, मनोज पड़लिया, चतुर सिंह भंडारी, आनंद सिंह रावत सभी ग्रामवासी उपस्थित रहे

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