बादल फटने से 11 की मौत

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हिमाचल प्रदेश के मंडी में दो और शव मिलने के साथ ही तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या 11 हो गई है। 31 जुलाई की रात कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी जिले के पधर और शिमला के रामपुर उपखंड में बादल फटने की कई घटनाओं ने भारी तबाही मचायी थी। इनमें लापता हुए 40 से अधिक लोगों की तलाश तेज कर दी गई है।

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अधिकारियों ने बताया कि मंडी में पधर के राजभान गांव से सोनम (23) और मानवी (तीन माह) के शव बरामद किए गए हैं। बचाव अभियान अब भी जारी है और लापता लोगों की तलाश में खोजी कुत्तों, ड्रोन और मशीनों की मदद ली जा रही है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, पुलिस और होमगार्ड के 410 कर्मी इस अभियान में लगे हैं। प्रशासन के मुताबिक रामपुर उपखंड के सामेज गांव में 30 से अधिक लोग लापता हैं।

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27 जून को मानसून के आगमन से लेकर तीन अगस्त तक प्रदेश को 662 करोड़ का नुकसान हुआ है। बारिश से 79 लोगों की जान जा चुकी है।

जम्मू-कश्मीर में बादल फटा, श्रीनगर-लेह राजमार्ग बंद जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में बादल फटने से एक मुख्य सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। इससे श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए बंद हो गया। कश्मीर घाटी का संपर्क लद्दाख से कट गया। बादल फटने की इस घटना से अमरनाथ यात्रा के लिए बालटाल आधार शिविर तक संपर्क सुविधा भी बाधित हो गई है। इसे दुरुस्त करने के लिए स्थानीय प्रशासन की टीम जुट गई है। एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि गांदरबल जिले के कचेरवन में सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण श्रीनगर-लेह मार्ग पर यातायात अगले आदेश तक रोक दिया गया 

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