भवाली। राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो एनबीपीजीआर के क्षेत्रीय केंद्र निगलाट में कीवीफ्रूट दिवस का आयोजन किया गया। स्टेट होल्डर डिपार्टमेंट नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, पौड़ी सहित प्रगतिशील कीवी फ्रूट किसान कुल 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), राज्य रेखा विभागों, प्रगतिशील किसानों तथा आईसीएआर संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल रहे। कार्यक्रम के दौरान भवाली केंद्र द्वारा 16 विभिन्न कीवी जर्मप्लाज़्म का प्रदर्शन किया गया, जिनमें रंगीन कीवी फलों की किस्में भी शामिल थीं। प्रतिभागियों को कीवी की उन्नत किस्मों, पौध प्रबंधन तकनीकों तथा पहाड़ी क्षेत्रों में इसके व्यवसायिक उत्पादन की संभावनाओं की जानकारी प्रदान की गई। विशेषज्ञों ने कीवीफ्रूट की कृषि तकनीकों, पौध संरक्षण उपायों तथा बाजार संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को कीवीफ्रूट उत्पादन के प्रति प्रोत्साहित करना और इसकी आनुवंशिक विविधता के संरक्षण के महत्व को रेखांकित करना था। कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वयन डॉ. के एम. राय, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं समन्वयक, आईसीएआर,एनबीपीजीआर क्षेत्रीय केंद्र भवाली ने किया।
पूर्व प्रभारी अधिकारी डॉ. एस. के. वर्मा ने प्रतिभागियों को कीवीफ्रूट अनुसंधान एवं संवर्धन से संबंधित उपयोगी जानकारी दी। कहा कि कीवीफ्रूट दिवस जैसे आयोजनों से किसानों में इस फल के प्रति रुचि बढ़ेगी और यह उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि विविधता एवं आय संवर्धन का एक सशक्त माध्यम बन सकता है। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने भवाली केंद्र द्वारा किए जा रहे अनुसंधान एवं संरक्षण कार्यों की सराहना की तथा इस प्रकार के उपयोगी आयोजनों को नियमित रूप से आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस दौरान वैज्ञानिक डॉ ममता आर्या, डॉ एस के वर्मा, डॉ के एम रॉय, डॉ अरुन किशोर, डॉ दीपाली पाण्डे, डॉ अविकाल आर्या, डॉ राज कुमार आदि रहे।
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