झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले हर दिन बुलंद हो रहे हैं। लेकिन प्रशासन ऐसे लोगो पर नजर बनाए रखा है। यहां ऊंचापुल क्षेत्र में किराये के एक मकान में अवैध आयुर्वेदिक क्लीनिक संचालित होने का खुलासा हुआ है। नगर निगम के स्वास्थ्य अनुभाग ने सोमवार को छापेमारी कर यहां से झोलाछाप को पकड़ा है। जरूरी दस्तावेज और पैकेट में बंद दवाओं का विवरण नहीं मिलने पर दवाखाना सील कर दिया गया है।
साथ ही दवाओं को जब्त कर तीन सैंपलों को जांच के लिए भेज दिया गया है। वहीं संबंधित व्यक्ति का सत्यापन नहीं पर पुलिस ने मकान मालिक का 5 हजार रुपये का चालान किया है। विधायक की शिकायत पर नगर निगम की टीम ने यह कार्रवाई की है। वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल ने बताया कि ऊंचापुल क्षेत्र में अवैध संचालित क्लीनिक में खुद को डॉक्टर बता रहे व्यक्ति के पास से बीएमएस की डिग्री या आयुर्वेदिक चिकित्सक होने का कोई प्रमाण नहीं मिला। क्लीनिक चला रहे व्यक्ति से पूछे जाने पर दवाओं के प्रकार की जानकारी भी नहीं मिली। बताया कि वह पीलिया, गठिया, पथरी आदि बीमारियों के इलाज के नाम पर दवाइयां दे रहा था। डॉ. कांडपाल ने बताया शिकायत मिली थी कि उसके द्वारा दी जा रही दवाओं को लोगों के किडनी, लीवर पर नकारात्मक असर हो है। अभी दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं मुखानी थाना प्रभारी रमेश बोरा ने बताया कि फिलहाल सत्यापन न होने पर मकान मालिक का चालान किया गया है। निगम की ओर से अभी कोई तहरीर नहीं दी गई है। तहरीर के आधार मामला दर्ज किया जाएगा।
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