प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य
व्यापारी नेता/समाज सेवी
ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते प्रभाव से लोकल व्यापार खासकर छोटे किराना और रिटेल दुकानदारों को काफी चुनौती मिल रही है। बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेज़न और फ्लिपकार्ट की सस्ते दामों और गहरी छूट की नीति से पारंपरिक दुकानदार दबाव में हैं और उनका अस्तित्व खतरे में है।
सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। ऑनलाइन शॉपिंग पर GST दरें बढ़ाने जैसे कदम से लोकल व्यापार को संरक्षण मिल सकता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। वर्तमान में GST की विभिन्न दरें 0%, 5%, 12%, 18%, और 28% के बीच हैं। यदि ऑनलाइन बिक्री पर उचित GST वृद्धि की जाए तो यह ई-कॉमर्स के अत्यधिक सस्ते दामों को संतुलित कर सकेगा और छोटे व्यापारियों को प्रतिस्पर्धा में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, सरकार ने ऑनलाइन रिटेलर्स के लिए कड़े नियम और टैक्स कलेक्शन के उपाय भी शुरू किए हैं ताकि डिजिटल कारोबार सही तरीके से टैक्स दे और लोकल व्यापार को संरक्षण मिले। कुछ सुझावों में ऑनलाइन व्यापार के लिए एक नियामक प्राधिकरण बनाना भी शामिल है, जो ई-कॉमर्स और स्थानीय दुकानदारों के बीच विवादों को सुलझा सके।
इस प्रकार, ऑनलाइन शॉपिंग पर GST दरें बढ़ाने के साथ-साथ अन्य नियामक कदम उठाकर लोकल व्यापार को बढ़ावा देना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना संभव हो सकता है.
अखिलेश सेमवाल
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य
व्यापारी नेता/समाज सेवी


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