हमलों से दुनिया का कोई देश अछूता नही है। अब यहां अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरुद्वारे में शनिवार को आतंकी हमला हुआ। इसमें दो लोगों की मौत हो गई, जबकि सात घायल हैं। मृतकों में दिल्ली में रहने वाले परिवार के सदस्य सविंदर सिंह और एक स्थानीय मुस्लिम सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।
हमले के बाद हुई मुठभेड़ में सुरक्षाकर्मियों ने तीन हमलावरों को मार गिराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुद्वारे पर हुए हमले की निंदा करते हुए कायराना करतूत करार दिया है।
अरदास के समय विस्फोट: यह गुरुद्वारा काबुल के परवान में है। परवान क्षेत्र अफगान हिंदू और सिख समुदाय का केंद्र है। गुरुद्वारे में सुबह अरदास के समय विस्फोट और गोलीबारी हुई। उस समय 30 श्रद्धालु मौजूद थे। दो धमाकों के बाद गुरुद्वारे के अंदर बनी दुकानों में आग लग गई। हमले की किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक आतंकी समूह खुरासन पर है।
सविंदर का परिवार 2017 से दिल्ली में: मारे गए सविंदर सिंह की पत्नी और चार बच्चे अफगानिस्तान छोड़कर 2017 में दिल्ली आकर बस गए थे। सविंदर बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए काबुल में काम करते थे। वह गुरुद्वारे में सेवा भी करते थे।
पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब सुरक्षित: अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
2020 में भी हमला: मार्च 2020 में भी गुरुद्वारे पर आतंकी हमला हुआ था। तब 25 श्रद्धालु मारे गए थे।
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