हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया कि नगर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा। निर्धारित समयावधि के भीतर नगर निकाय के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। महाधिवक्ता के इस वक्तव्य के बाद हाईकोर्ट ने संबंधित याचिका को निस्तारित कर दिया।
मामले के अनुसार, जसपुर निवासी मोहम्मद अनस एवं नैनीताल निवासी राजीव लोचन साह ने याचिका दायर कर उत्तराखंड के स्थानीय निकायों में प्रशासक नियुक्त करने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी थी। याचिका के जरिए मांग की गई थी कि राज्य सरकार समय पर स्थानीय निकाय चुनाव करवाए। इस याचिका के जवाब में इस साल ही नौ जनवरी को महाधिवक्ता बाबुलकर ने कोर्ट को बताया था कि स्थानीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया छह महीने में पूरी कर ली जाएगी। प्रशासकों का कार्यकाल छह माह से अधिक नहीं बढ़ाया जाएगा। इन याचिकाओं पर 16 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायाधीश राकेश थपलियाल की खंडपीठ में सुनवाई हुई। इसमें महाधिवक्ता ने फिर से कोर्ट को बताया कि नगर निकायों की चुनाव प्रक्रिया चल रही है और ये चुनाव पूर्व में निर्धारित हो जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, सरकार अब निकायों में ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति मांग सकती है। यदि आयोग की अनुमति मिल गई तो मई अंत तक निकाय चुनाव कार्यक्रम घोषित हो सकता है।
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