जायका प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड के 38 शहरों की पेयजल सप्लाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाना है। इनमें नैनीताल के भीमताल और भवाली भी शामिल हैं। 1600 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में पहाड़ों के नए तेजी से उभरते शहरों के ढांचागत विकास पर फोकस किया जा रहा है। योजना पर आगे बढ़ने से पहले जायका की टीम खुद एक एक शहर का न सिर्फ डिटेल सर्वे करेगी। बल्कि एक एक आंकड़ा जुटाएगी।
इन तमाम औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए जायका की टीम उत्तराखंड पहुंची हुई हैं। पेयजल निगम के अफसरों के साथ मिल कर एक एक पहलू की पड़ताल हो रही है। जो आंकड़े जल निगम की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उनकी भी फील्ड में असल हकीकत को जाना जा रहा है। ताकि किसी भी तरह के गलत आंकड़ों के कारण योजना प्रभावित न हो। इस प्रोजेक्ट में उन शहरों को लिया गया है, जहां अभी तक किसी भी बड़ी योजना से बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है। ये सभी वे शहर हैं, जहां पिछले कुछ समय में तेजी से शहरी आबादी बढ़ी है। इसमें बड़ी संख्या में पर्वतीय क्षेत्रों के शहर हैं। इस प्रोजेक्ट से पर्वतीय शहरी क्षेत्रों में पेयजल सिस्टम को मजबूत किया जाएगा।
इस योजना में कुल 1600 करोड़ का बजट इन शहरों की पेयजल सप्लाई सुधारने पर खर्च होगा। इन 38 शहरों में 24 घंटे पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जानी है। हर घर को पानी के कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। पानी भी 135 एलपीसीडी के मानक से उपलब्ध कराया जाएगा। पानी का प्रेशर इतना देना होगा, ताकि पानी 17 मीटर ऊंचाई तक पहुंच सके। इस योजना से राज्य की पांच लाख की आबादी को लाभ मिलेगा
भीमताल-भवाली में भी मिलेगा भरपूर पानी
इन शहरों में ट्यूबवेल से होगी सप्लाई
10 शहरों में 341.76 करोड़ से ट्यूबवेल बनेंगे। ट्यूबवेल पिरान कलियर, शिवालिकनगर, भगवानपुर, लक्सर, झबरेड़ा, लंढौरा, भवाली, भीमताल, कालाढूंगी, जसपुर में तैयार होंगे।
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