उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले सरकार पंचायतों में हुए विभिन्न विकास कार्यों की जांच करा सकती है। पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों में हुए विकास कार्यों में विभिन्न स्तरों से अनियमितता की शिकायतें मिलीं हैं। इसके देखते हुए जांच कराए जाने का निर्णय लियागया है।
प्रदेश में हरिद्वार जनपद को छोड़कर त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल अगले माह नवंबर में समाप्त हो रहा है। इसी बीच सरकार को पंचायतों में केंद्र और राज्य के स्तर पर विभिन्न कार्यों के लिए स्वीकृत धन में घपले की कथित शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसका सरकार ने संज्ञान लिया है। कई मामलों में सरकारी धन को खर्च तो किया गया है, लेकिन मौके पर कोई काम नहीं पाया गया है। इसी तरह से स्ट्रीट लाइटों को लगाने, गांवों में नालियों के निर्माण, खंड़जा बिछाने, पुश्ता बनाने जैसे कामों में भी कथित अनियमितता की बात सामने आई है। विकास के साथ विकास योजनाओं के तहत स्वीकृत धनराशि को पंचायतों में किस तरह खर्च किया गया, इसकी भी जांच की जाएगी। बता दें कि उत्तराखंड में ग्राम पंचायतों की संख्या अब 7795 से बढ़कर 7832 हो गई है। इसमें पंचायतों के परिसीमन से 37 ग्राम पंचायतें वजूद में आई हैं।
महाराज पहले खुद की कराएं जांच पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के बयान पर उत्तराखंड त्रिस्तरी पंचायत संगठन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि पहले मंत्री स्वंय की थर्ड पार्टी जांच कराकर स्वयं को ईमानदार घोषित करवा लें। उसके बाद पंचायत की तऱफ इशारा करें।
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