कैची धाम मेले में पहली बार एटीएस और एसएसबी तैनात, ड्रोन रेजुलेशन कैमरों से होगी निगरानी

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श्रद्धालुओं के जन सैलाब को देखते हुए उनकी सुविधा के लिए पहली बार बाबा जी का प्रसाद दिनांक 15 जून से 18 जून तक वितरित होगा

मेले में पहली बार 3 जनपदों के पुलिस अधीक्षकों को भी किया तैनात ।

कैची धाम मेले के सकुशल एवं व्यवस्थित आयोजन के सम्बन्ध में बैठक के दौरान आई०जी० कुमायूँ श्रीमती रिद्विम अग्रवाल महोदया ने व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।

उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल कैची धाम में 15 जून 2025 को आयोजित होने वाले वार्षिक मेले को लेकर प्रशासनिक और पुलिस स्तर पर अभूतपूर्व तैयारियाँ की गई हैं। इस वर्ष श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व संख्या को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को पहले से कहीं अधिक मजबूत किया गया है।

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प्रमुख विशेषता यह रही कि पहली बार मेले में आतंकवाद-निरोधक दस्ता (ATS) एवं सशस्त्र सीमा बल (SSB) की तैनाती की जा रही है।

पुलिस महानिरीक्षक कुमायूँ रेंज, श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल महोदया ने स्वयं कैची धाम पहुंचकर समस्त व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।

सुरक्षा की दृष्टि से लिए गए प्रमुख निर्णयः

ATS की तैनातीः

मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, राज्य की आतंकवाद-निरोधक इकाई (ATS) की एक विशेष टीम पहली बार कैची मेला ड्यूटी में लगाई गई है। यह टीम संवेदनशील स्थानों पर निगरानी रखेगी तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।

SSB की तैनातीः

अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राज्य के सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र सीमा बल (SSB) के प्रशिक्षित जवानों को भी मेला स्थल एवं उसके आस-पास तैनात किया गया है, जो आपदा प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण तथा संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी में सहायता करेंगे।

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पी०ए० सिस्टम, ड्रोन और हाई-रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी से निगरानी :

कैची धाम मेले में श्रद्धालुओं के मार्गदर्शन, सूचना प्रसारण एवं आपातकालीन संप्रेषण हेतु सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली (PA System) की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही पूरे मेला परिसर में उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की गई है। कंट्रोल रूम से लगातार निगरानी करते हुए सुरक्षा एजेंसियों को रियल-टाइम अपडेट दिया जा रहा है।

पर्वतीय जनपद पिथौरागढ़, चम्पावत एवं बागेश्वर के पुलिस अधीक्षकों के अलावा 3 कम्पनी पी०ए०सी० व लगभग 800 पुलिस कर्मियों को व्यवस्थाओं के संचालन में विशेष रूप से देने के लिए तैनात किया गया है, जिनकी सक्रिय भूमिका एवं सूझबूझ से पूरे आयोजन के दौरान बेहतर समन्वय और कानून व्यवस्था बनी रही।

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आईजी कुमायूँ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि “देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान रखते हुए, हर स्तर पर सतर्कता व संवेदनशीलता बरती जाए। कोई भी गतिविधि सामान्य न मानी जाए, हर सूचना का गहन परीक्षण हो।”

कैची धाम के प्रबन्धन से समन्वय कैची धाम के प्रबन्धन से समन्यव स्थापित करते हुए यह निर्णय लिया गया कि इस बार बाबा नीमकरोली का प्रसाद दिनांक 15 जून से 18 जून 2025 तक वितरित किया जायेगा ।

आईजी का संदेशः

“यह मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की पहचान और आस्था का प्रतीक है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु जो कदम इस वर्ष उठाए गए हैं, वे हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। सभी अधिकारी जिम्मेदारी से ड्यूटी करें, ताकि उत्तराखण्ड पुलिस पर जनविश्वास और मजबूत हो।”

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