लोकतंत्र के हर पर्व पर पहली कतार में खड़ी रहने वाली वसंती देवी का निकाय चुनाव के लिए मतदान के दिन गुरुवार सुबह निधन हो गया। ऐसे में परिवार के सदस्यों के सामने एक तरफ अपने मताधिकार का प्रयोग कर शहर की सरकार चुनने में भागीदारी तय करने का वक्त था तो दूसरी तरफ परिवार की सबसे बुजुर्ग के निधन का दुख और अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी। ऐसे में परिवार के सदस्यों ने पहले मतदान केंद्र पर जाकर अपने पसंद के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया और तब घर से अर्थी उठाई।
100 वर्षीय वंसती देवी पत्नी स्व. दुर्गादत्त पांडे कानिया में अपने भरे-पूरे परिवार के साथ रहती थी। उनके परिवार में दो बेटे, बहुएं और पोते हैं। गुरुवार सुबह नौ बजे वसंती देवी का निधन हो गया। उनके बेटे अभिनव और अनुभव पांडे ने बताया कि उनकी मां हमेशा मतदान को लेकर उत्साहित रहती थी। बीते साल हुए संसदीय चुनाव में उनकी मां वोट डालने को लगी लाइन में पहले स्थान पर थी। गुरुवार को उनकी मां दुनिया से सिधार गई। ऐसे में परिवार के सामने एक तरफ मतदान में भागीदारी करने का मौका था तो दूसरी तरफ बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार करने का वक्त। उन्होंने पहले लोकतंत्र के पर्व में भागीदारी करने का निर्णय लिया। परिवार के वयस्क सदस्यों ने नजदीकी मतदान केंद्र पर जाकर मताधिकार का इस्तेमाल किया। इसके बाद स्थानीय श्मशान घाट पर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया।
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