राज्य स्थापना दिवस व चन्द्र ग्रहण के साथ भूकंप से धरती कांप उठी। लोगो सोशल मीडिया के माध्यम से अपना अपना तर्क देने लगे हैं। बुधवार रात 1 बजकर 58 मिनट पर उत्तराखंड समेत देश प्रदेश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। लोग जान बचाने को घरों से बाहर निकल आये। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 मापी गई। इसका केंद्र उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा पर जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।
मेरठ, मुरादाबाद, लखनऊ, दिल्ली ये सब हिमालय के समांतर रेखा पर हैं। यहां पर कुछ लोगों ने हल्के झटके महसूस किए। यानी चार से लगभग पांच मैग्नीट्यूड। यदि अधिक बड़े होते तो बहुत लोग महसूस करते। बड़े भूकंप से पहले भी फोर शॉक आते हैं पर यह भी ऐसा है, नहीं कहा जा सकता है। वैसे प्लेट गति के कारण तनाव तो निरंतर जमा हो रहा है, और वह बहुत से छोटे- छोटे भूकंपों रिलीज़ नहीं होने वाला। यानी एक बड़ा भूकंप गंगा के मैदान में आशंकित है, लेकिन कब, यह कोई नहीं बता सकता।
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