केदारनाथ घाटी में भारी बारिश से हुई तबाही के बाद सरकार ने रेस्क्यू अभियान तेज कर दिया है। केदारनाथ क्षेत्र में फंसे लगभग 2537 यात्रियों को रेस्क्यू किया जा चुका है। एसडीआरएफ के साथ सेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी बचाव अभियान में जुटे हैं। उधर, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 16 लोगों के लापता होने की सूचना रुद्रप्रयाग एसपी कार्यालय को मिली है। परिजन इन लोगों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित घनसाली और केदारनाथ क्षेत्र का दौरा किया।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, वाईएमएफ, डीडीआरएफ और पुलिस की टीमें रेस्क्यू अभियान में जुटी हैं। लिंचौली व भीमबली में फंसे लोगों को शेरसी पहुंचाया जा रहा है। गौरीकुंड से भी यात्रियों को पगडंडी मार्ग से सोनप्रयाग लाया जा रहा है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच सड़क का लगभग 100 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो चुका है।
डीएम सौरभ गहरवार और एसपी विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि गुरुवार सुबह सात बजे रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ। शाम तक भीमबली के आसपास फंसे 737 यात्रियों को हेलीकाप्टरों से निकाला गया, जबकि 200 यात्रियों को पैदल रास्ते से लाया गया। अभियान में पांच हेलीकाप्टर लगाए गए हैं। सबसे ज्यादा यात्री गौरीकुंड के पास फंसे हैं। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि गौरीकुंड से 1700 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। एसडीआरएफ के अनुसार केदारनाथ में 1100 से 1400 तक श्रद्धालु, लिंचौली में 95 और भीमबली में लगभग 150 तीर्थयात्री फंसे हैं।
उधर, कुमाऊं में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। मंडल में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुका है। रामबाड़ा के समीप दो पैदल पुल भी बह चुके हैं। वहीं, सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच सड़क का काफी हिस्सा ध्वस्त होने पर सरकार ने अग्रिम आदेश तक केदारनाथ यात्रा रोक दी है।
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