सल्ट कूपी के पास हुई बस दुर्घटना ने हर किसी को हिला कर रख दिया। बस गिरते ही यात्रियों में चीख पुकार मच गई। घायलों की चीत्कार सुन हर कोई सिहर उठा। कुछ ही देर में आसपास के गांवों के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। वहीं, महज दो किमी की दूरी पर स्थित मर्चुला पुलिस को मौके पर पहुंचने में डेढ़ घंटे का समय लग गया। हालांकि, ग्रामीणों के मुताबिक दिनेश नाम के कांस्टेबल ने सबसे पहले पहुंचकर रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया था।
ग्रामीणों के मुताबिक सोमवार सुबह करीब 740 बजे उन्हें धमाके की आवाज सुनाई दी। धमाका इतना जबरदस्त था कि हर किसी को बड़ी घटना का अंदेशा हो गया था। लोग मौके की ओर दौड़े। यहां बस खाई में गिरी मिली। ग्रामीण आनन-फानन में खाई में उतर गए। एक के बाद एक मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। लोग रेस्क्यू में जुट गए। चट्टान से लेकर खाई तक लोगों ने मोर्चा संभाल लिया। बस से चार लोग छिटक गए थे। उन्हें उठाकर सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया। इसके बाद ग्रामीण बस की ओर बढ़े। इस दौरान उनके साथ कांस्टेबल दिनेश शामिल थे। कुछ देर में मर्चुला पुलिस भी पहुंच गई। इसके बाद रेस्क्यू युद्ध स्तर पर शुरू हो गया। एक के बाद एक घायलों और मृतकों को निकाला गया। जो मृतक थे उन्हें देवलगड़ नदी पार लाया गया। घायलों को देवायल और रामनगर भेजा गया।
बस हादसे में घायल लोगों को बचाने के लिए युवाओं की पहल सराहनीय रही। ब्लड बैंक में स्थानीय युवाओं ने रक्तदान कर घायलों की मदद की। इस दौरान 150 युवाओं ने रक्तदान कर मानवता की मिसाल दी।
घायलों का अस्पताल पहुंचा शुरू हुआ तो महाविद्यालय और शहर के युवा उनकी मदद के लिए आगे आ गए। विधायक दीवान सिंह बिष्ट, जगमोहन सिंह बिष्ट, मदन जोशी समेत अन्य लोग भी वाहनों से मरीजों को उतारकर अस्पताल ले जाते दिखे। जिले के सीएमओ, सीएमएस समेत डॉक्टर तत्परता से मरीजों का उपचार करते दिखे। अस्पताल स्टाफ भी तत्पर रहा। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि 150 से अधिक युवाओं ने घायलों को बचाने के लिए रक्तदान किया। समय पर रक्त मिलने से कई घायलों की जान बच सकी है
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