मुक्तेश्वर में भारतीय पशुचिकित्सा अनुसन्धान संस्थान में 136 वां स्थापना दिवस मनाया

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भारतीय पशुचिकित्सा अनुसन्धान संस्थान, मुक्तेश्वर परिसर में 136 वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन
धारी।
आईसीएआर–भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आई वी आर आई ), मुक्तेश्वर परिसर में को आई वी आर आई स्थापना दिवस बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में सस्थान के वैज्ञानिक, कर्मचारी, छात्र , शोधकर्ता, पशुपालन विभाग उत्तराखंड के अधिकारी गण तथा आसपास के गांवों- गहना, दरमोली, पिठोली,ल्वेसाल, दाड्डिमा तथा सितारगंज ब्लॉक से आए कुल 162 से अधिक किसानों ने भाग लिया और विभिन्न गतिविधियों तथा संवाद सत्रों का लाभ उठाया। कार्यक्रम के अध्यक्ष संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ वाय. पी. एस. मालिक थे। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में माननीय रामसिंह कैड़ा, विधायक, भीमताल विधानसभा क्षेत्र, उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. रमेश सिंह निटवाल , उप्पर निदेशक , पशुपालन विभाग, उत्तराखंड सरकार थे। इस कार्यक्रम के अन्य अतिथि के रूप में में रामगढ ब्लॉक प्रमुख दीपक आर्य, अंकित पांडेय , ज्योति आर्य थे । सभी अतिथियों का औपचारिक स्वागत डॉ. वाई. पी. एस. मलिक, संयुक्त निदेशक, आईवीआरआई मुक्तेश्वर परिसर द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गयी थी जैसे की- रंगोली, भाषण तथा चित्रकला , जिनके विजेताओं को कार्यक्रम के अध्यक्ष, मुख्य अतिथि द्वारा विभिन्न पुरस्कार तथा प्रमाणपत्र प्रदान किये गए। इस अवसर पर “पशुधन क्षेत्र में आईवीआरआई का योगदान” विषय पर स्थापना दिवस व्याख्यान डॉ. नितवाल द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में पशुधन अनुसंधान, रोग नियंत्रण, पशु स्वास्थ्य प्रबंधन तथा तकनीकी प्रसार में आईवीआरआई की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर विस्तृत चर्चा की। डॉ वाय पी एस मालिक संयुक्त निदेशक द्वारा आईवीआरआई के स्थापना वर्ष से अब तक के विभिन्न उपलब्धियों तथा गौरववशाली इतिहास को समझाया तथा वर्त्तमान में चल रहे शोध कार्यो का ब्यौरा भी दिया। उन्होंने स्थापना दिवस के महत्व और संस्थान एवं किसानों के बीच संबंधों को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला तथा सभी को स्थापना दिवस की सुभकामनाये भी दी। श्री रामसिंह कैड़ा, विधायक जी ने अपने सम्बोधन में आई वी आर आई के पशुपालन क्षेत्र में अपने विशेष योगदान के लिए सराहा तथा स्थापना दिवस के लिए सभी अधिकारी तथा कर्मचारियोंको बधाई भी दी।
स्थापना दिवस के अवसर पर “शीतकाल में पशुधन तथा मुर्गियों का प्रबंधन” विषय पर एक वैज्ञानिक–किसान संवाद बैठक का भी आयोजन किया गया। इस बैठक उत्तराखंड पशुपालन विभाग के पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. पूजा जोशी, डॉ. चित्रा जोशी, डॉ. आयुष सिंह, डॉ. उपाध्याय, तथा आईवीआरआई के डॉ. मधुसूदन, डॉ. अमोल, डॉ. नितिश और डॉ. शेर सिंह ने सक्रिय रूप से भाग लिया। विशेषज्ञों ने सर्दियों में पशुओं की देखभाल, पोषण, आवास प्रबंधन, टीकाकरण, रोग-नियंत्रण और मुर्गीपालन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ किसानों के साथ साझा कीं। इस कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान श्री हरीश बिष्ट , ग्राम -नथवाखान तथा श्री प्रशांत बिष्ट , ग्राम -सुपी द्वारा अपने हर्बल फार्मिंग तथा गौपालन के अनुभव साझा किये । इसी के उपलक्ष्य में संस्थान द्वारा उन्हें मानचिन्ह देकर पुरस्कृत भी किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान जनजातीय उपयोजना तथा अनुसूचित जाती उपयोजना अंतर्गत विभिन्न सामग्री जैसे की – कुदाल, फावड़ा,खुरपी ,मिनरल मिक्सचर, कैल्शियम तथा दूध की बाल्टी का वितरण भी किया गया। इस दौरान किसानो को मुर्गीपालन इकाई , गौपालन इकाई, मशरुम पालन इकाई,बकरी पालन इकाई का भी भ्रमण करवाया गया। इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉ अमोल गुरव, डॉ दीपिका बिष्ट, डॉ नितीश सिंह खड़ायत, तथा श्री मनीष तोमर द्वारा किया गया। इस दौरान डॉ शेर सिंह ,डॉ मधुसदन, डॉ आशुतोष, डॉ अमित कुमार ,डॉ सिद्धार्थ गौतम, डॉ अमीर समाल भी मौजूद रहे।

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