लोग इस बार रक्षाबंधन के लिए किस तिथि को मनाया जाएगा इसके लिए परेशान हैं। अब भाई बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन पंचांगों में दो दिन दर्शाया गया है । से भ्रम दूर करने के उद्देश्य आनलाइन बैठक के जरिये प्रदेशभर के विद्वान आचार्यों पूर्वी प्रयासरत का मंतव्य लिया गया। एकरूपता लाने के लिए उत्तराखंड पर्व निर्णय सभा ने 12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने का निर्णय दिया है । पूरे दिन भद्रा होने की वजह से 11 अगस्त को रक्षाबंधन व श्रावणी उपाकर्म को वर्जित बताया गया है । सभा के अध्यक्ष डा . जगदीश चंद्र भट्ट ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को पूर्वाह्न 10:37 बजे शुरू हो रही है , जो 12 अगस्त को सुबह 7:06 बजे तक रहेगी । पहले दिन भद्रा होने से रक्षाबंधन व उपाकर्म वर्जित रहेगा । 12 पर्व निर्णय सभा की आनलाइन बैठक में हुआ महत्वपूर्ण फैसला आनलाइन बैठक में ये विद्वान हुए शामिल आनलाइन बैठक में डा . भुवन त्रिपाठी , डा . जगदीश भट्ट , डा . गोपाल रमेश जोशी , डा . रामभूषण बिजल्वाण , डा . सुनील बिजल्वाण , दीपक दत्त त्रिपाठी , डा . नवीन जोशी , आचार्य मुकेश पंत , गंगाप्रसाद जोशी , जोशी , डा . मनोज पांडे , बसंत बल्लभ त्रिपाठी समेत प्रदेश के 40 विद्वान • सुबह 7:06 बजे से पहले होगी प्रतिष्ठा , दिनभर बंधेगी राखी पर्वों में एकरूपता लाने का प्रयास जारी रहेगा आनलाइन बैठक में विद्वानों व पंचांगकारों ने प्रमाण सहित अपना पक्ष रखा । दो विद्वानों को छोड़ शेष 12 अगस्त को श्रावणी उपाकर्म मनाने पर सहमत रहे । सभा के संरक्षक डा . भुवन त्रिपाठी , आचार्य रमेश जोशी ने कहा कि पर्वों में एकरूपता लाने के लिए प्रयास व पंचांगकारों से आग्रह जारी रखेंगे । अगस्त को उदयव्यापिनी पूर्णिमा तिथि रहेगी । हालांकि इस दिन पूर्णिमा सुबह 7:06 बजे तक ही रहेगी । इसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी । डा . भट्ट ने बताया कि रक्षासूत्र व जनेऊ आदि को 12 अगस्त की सुबह 7:06 बजे से पहले प्रतिष्ठा कर लेना शास्त्र सम्मत रहेगा । पंडित व आचार्यजन भी इसी अवधि में श्रावणी उपाकर्म व ऋषि तर्पण आदि कर सकेंगे । प्रतिष्ठित रक्षासूत्र ( राखी ) को धनिष्ठा युक्त प्रतिपदा तिथि में पूरे दिन धारण किया जा सकता है ।
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